8 भारतीय सैनिकों की रिहाई के बाद कतर से बढ़ी दोस्ती, शेख तमीम संग PM मोदी की जुगलबंदी से चीन-पाक हैरान
अब प्रधानमंत्री मोदी की कतर यात्रा से दोनों पक्षों को उच्चतम स्तर पर जुड़ने और द्विपक्षीय संबंधों को नई गति प्रदान करने का अवसर मिलेगा। नवंबर, 2008 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह की यात्रा के बाद जून 2016 में मोदी की पहली कतर यात्रा भारत की ओर से इस देश की दूसरी उच्चस्तरीय यात्रा थी।
दोहाः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कूटनीति और प्रभावशाली नेतृत्व से कतर में फांसी की सजा पाए 8 भारतीय नौसैनिक छूटकर भारत आ गए। इससे पाकिस्तान और चीन समेत पूरी दुनिया हैरान है। पीएम मोदी ने यूरोप और अमेरिका के साथ अरब और खाड़ी व एशियाई क्षेत्र के मुस्लिम देशों में भी खास पकड़ बनाई है। यूएई में स्वामी नरायण मंदिर का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री मोदी कतर को सैनिकों की रिहाई के लिए वहां पहुंचने पर धन्यवाद भी दिया। अब भारत और कतर की दोस्ती और भरोसा सैनिकों की रिहाई की घटना के बाद और बढ़ रहा है। मुस्लिम देशों में भारत की गहरी होती पैठ देखकर चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के होश उड़ गए हैं।
पीएम मोदी ने बृहस्पतिवार को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ बातचीत के बाद कहा कि भारत-कतर संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष भविष्य के क्षेत्रों में सहयोग करने पर विचार कर रहे हैं। कतर सरकार द्वारा भारतीय नौसेना के उन आठ पूर्व कर्मियों को रिहा किए जाने के कुछ दिन बाद यह बैठक हुई जिन्हें अगस्त, 2022 में गिरफ्तारी के बाद मौत की सजा सुनाई गई थी। मोदी ने अमीर के साथ अपनी मुलाकात को ‘‘अद्भुत’’ बताया और कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ सार्थक बैठक हुई। हमने भारत-कतर संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा की और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।
भारत-कतर में बढ़ेगा आपसी सहयोग
दोनों देश भविष्य के क्षेत्रों में सहयोग करने के लिए भी तत्पर हैं।’’ चर्चा व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष, सांस्कृतिक तथा लोगों से लोगों के बीच संबंधों के क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने एवं द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित रही। मोदी ने दोहा में अपने औपचारिक स्वागत की तस्वीरों के साथ एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘भारत और कतर के संबंध लगातार मजबूत होते जा रहे हैं!’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मोदी तथा अमीर के बीच बैठक को ‘‘सार्थक’’ बताया और कहा कि प्रधानमंत्री ने कतर के नेता को उस देश में भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए धन्यवाद दिया। मोदी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की दो दिवसीय यात्रा के बाद बुधवार की रात दोहा पहुंचे थे। यह प्रधानमंत्री की कतर की दूसरी यात्रा है। इससे पहले वह जून 2016 में कतर पहुंचे थे।
व्यापार और निवेश का बढ़ेगा दायरा
रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को गहरा करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर व्यापक चर्चा की।’’ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने कतर में भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए अमीर को धन्यवाद दिया।’’ अपने आगमन के तुरंत बाद, मोदी ने कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात की। वह कतर के विदेश मंत्री भी हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, ऊर्जा, वित्त और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘उन्होंने पश्चिम एशिया में हाल के क्षेत्रीय घटनाक्रम पर भी चर्चा की और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।’’ बैठक के बाद कतर के प्रधानमंत्री ने मोदी के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया। प्रधानमंत्री मोदी की कतर की दूसरी यात्रा कतर द्वारा भारतीयों को रिहा किए जाने के कुछ दिन बाद हुई।
भारतीय सैनिकों की रिहाई ने दोस्ती को दिया नया मुकाम
एक निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के एक कथित मामले में अगस्त, 2022 में गिरफ्तार किया गया था। नौसेना के पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। खाड़ी देश की अपीलीय अदालत ने 28 दिसंबर को मौत की सजा को कम कर दिया था और नौसेना के पूर्व कर्मियों को तीन साल से लेकर 25 साल तक अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई थी। पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई में ‘कॉप 28’ शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की थी और कतर में भारतीय समुदाय के कल्याण पर चर्चा की थी। भारत और कतर के बीच व्यापार एवं ऊर्जा संबंध बढ़ रहे हैं। कतर भारत को तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है, जो भारत के वैश्विक एलएनजी आयात का 48 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। (भाषा)
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