जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीकी पुलिस एजेंसियां कोविड-19 के अग्रणी अनुसंधानकर्ताओं को मिली धमकियों की जांच कर रही हैं। इनमें वह दल भी शामिल है जिसने सबसे पहले महामारी के ओमिक्रॉन स्वरूप की पहचान की थी। दक्षिण अफ्रीकी पुलिस सेवा के राष्ट्रीय प्रवक्ता विष्णु नायडू ने ‘संडे टाइम्स’ को बताया कि राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के कार्यालय को धमकी भरा पत्र मिला जिसमें प्रोफेसर तुलियो डी ओलिविएरा समेत कई अग्रणी कोविड-19 अनुसंधानकर्ताओं का जिक्र था। इस मामले की जांच की जा रही है।
प्रोफेसर ओलिविएरा ने उस दल की अगुवाई की थी जिसने ओमिक्रॉन स्वरूप का पता लगाने की घोषणा की थी। नायडू ने साप्ताहिक पत्रिका से कहा, ‘‘यह मामला एक हफ्ते पहले हमारे संज्ञान में आया। शिकायकर्ताओं के राष्ट्रीय कोरोना कमांड परिषद के सलाहकार होने के कारण इस मामले को प्राथमिकता दी गई है।’’
राष्ट्रपति के प्रवक्ता टायरोने सिएले ने पत्र के बारे में जानकारियां नहीं दी हैं लेकिन कहा कि इसमें ऊपर ‘चेतावनी’ लिखा था। स्टेलेनबोश विश्वविद्यालय ने बताया कि उसने सुरक्षा बढ़ा दी है। प्रोफेसर ओलिविएरा इसी विश्वविद्यालय में काम करते हैं। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता मार्टिन विल्जोन ने कहा, “यह निंदनीय है कि वैज्ञानिकों को निशाना बनाया जा रहा है।”
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