प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिण अफ्रीका में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात और बातचीत हुई। इस दौरान उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का मुद्दा उठाया। दोनों देशों के नेताओं ने एलएसी पर तनाव कम करने को लेकर आपस में बातचीत की। भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि ब्रिक्स सम्मेलन में अन्य नेताओं के साथ पीएम मोदी ने शी जिनपिंग से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उस बातचीत में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर प्रकाश डाला। रधानमंत्री ने अन्य ब्रिक्स नेताओं के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए LAC का सम्मान करना आवश्यक है।
इसके बाद इस संबंध में, दोनों नेता अपने संबंधित अधिकारियों को शीघ्र विघटन और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि भारत और चीन के बीच इस बातचीत के बादलद्दाख क्षेत्र से सैनिकों की शीघ्र वापसी का प्रयास तेज होगा। दोनों देशों में सैनिकों की वापसी को लेकर सहमति बन गई है। बता दें कि वर्ष 2020 से ही भारत और चीन के रिश्ते उस वक्त बिगड़ गए थे, जब चीन ने जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हिंसा की थी।
इस झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे और चीन के भी 40 से ज्यादा जवान मारे गए थे। इसके बाद वर्ष 2022 में तवांग में भी भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक भिड़ंत हुई थी। मगर इस दौरान किसी देश की ओर से कोई सैनिक नहीं मारा गया। इसके बाद से दोनों देशों में 19 दौर की सैन्य स्तरीय वार्ता हो चुकी है। मगर अब तक एलएसी पर शांति बहाली नहीं हो सकी थी। अब पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद विवादित क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी तेज करने पर सहमति बन जाने का दावा सामने आ रहा है। यह दोनों देशों के लिए अच्छी खबर है।
पीएम मोदी के प्रयास से ईरान और सऊदी अरब भी बने ब्रिक्स सदस्य
पीएम मोदी के प्रयास से ईरान और सऊदी अरब उन छह देशों में शामिल हो गए हैं, जिन्हें विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के ब्रिक्स ब्लॉक में शामिल होने के लिए गुरुवार को आमंत्रित किया गया है। संयुक्त अरब अमीरात, अर्जेंटीना, मिस्र और इथियोपिया भी 2024 से ब्लॉक में शामिल होने के लिए तैयार हैं। यह घोषणा जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में दक्षिण अफ़्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा द्वारा की गई थी, जिनका देश वर्तमान ब्रिक्स अध्यक्ष है। ब्रिक्स वर्तमान में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की उभरती अर्थव्यवस्थाओं से बना है। वे पांच सदस्य इस सप्ताह के शिखर सम्मेलन में ब्लॉक का विस्तार करने पर सहमत हुए। यह दूसरी बार है जब ब्रिक्स ने विस्तार करने का फैसला किया है। इस ब्लॉक का गठन 2009 में ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन द्वारा किया गया था। दक्षिण अफ्रीका को 2010 में जोड़ा गया था। ब्रिक्स ब्लॉक दुनिया की लगभग 40% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में एक चौथाई से अधिक का योगदान देता है।
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