संयुक्त राष्ट्रः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान का संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भी डंका बज रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के चीफ डेनिस फ्रांसिस ने भारत में डिजिटल मनी ट्रांजेक्शन से लेकर लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की सराहना की है। यूएनजीए अध्यक्ष ने कहा कि पहले भारत में जिन ग्रामीण किसानों का बैंकिंग प्रणाली से कभी कोई नाता नहीं था, वह अब अपने सभी लेन-देन अपने स्मार्टफोन पर करने में सक्षम हैं। ऐसा डिजिटल मनी ट्रांजेक्शन से संभव हो सका है।
युक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि डिजिटल लेनदेन को जन-जन तक पहुंचाने के अलावा भारत में 800 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। जबकि दुनिया के कई हिस्सों (देशों) में ऐसा नहीं है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 में नोटबंदी का बड़ा फैसला लिया था। इस दौरान उन्होंने 500 और 1 हजार रुपये के नोटों को बंद कर दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री ने डिजिटल मनी पर फोकस किया था। पहले पीएम मोदी के इस फैसले की काफी आलोचना भी हुई थी और ये कहा जा रहा था कि जिस देश की 70 से 80 फीसदी आबादी स्मार्टफोन चलाना नहीं जानती, वह डिजिटल ट्रांजेक्शन कैसे करेगी। मगर गांव-गांव तक डिजिटल ट्रांजेक्शन देखने को मिल जाएगा।
5वीं बड़ी इकोनॉमी बना भारत
पीएम मोदी के इस फैसले के दम पर ही भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थ व्यवस्था बन गया है। अब अगले कुछ वर्षों में ही वह दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। यह सब डिजिटल मनी का फ्लो बढ़ने की वजह से ही संभव हो पाया है। अर्थ व्यवस्था के जानकर कहते हैं कि डिजिटल मनी का चलन होने से इसका फ्लो ऊपर से नीचे तक हुआ। इसलिए पैसा जो बैंकों या बैंक से बाहर आने के बाद फ्रीज रहता था, वह दौड़ने लगा। इससे देश तरक्की की राह पर बढ़ गया।
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