पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें फिर से बढ़ने वाली हैं। इस बार उनके साथ लपेटे में पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी भी हैं। दरअसल अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कुछ वर्षों में आतंकवादियों के फिर से संगठित होने के मामले की जांच की मांग करते हुए पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी, अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान और खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख फैज हमीद तथा अन्य के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है।
याचिका में एक न्यायिक आयोग की स्थापना की मांग की गई है जो यह जांच करेगा कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादी कैसे फिर से संगठित एवं मजबूत हुए। पेशावर उच्च न्यायालय में बृहस्पतिवार को अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) द्वारा दायर याचिका में अनुरोध किया गया कि अशांत प्रांत में शांति की बहाली के लिए तत्काल और ठोस उपाय किए जाएं। याचिका में यह आग्रह भी किया गया कि आतंकवादियों को वहां संगठित होने का मौका नहीं दिया जाए।
न्यायिक आयोग बनाने की मांग
एएनपी के प्रांतीय प्रमुख आइमल वली खान ने याचिका में इमरान खान, राष्ट्रपति अल्वी, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व महानिदेशक हमीद, पूर्व मुख्यमंत्री महमूद खान और प्रांतीय सरकार के पूर्व प्रवक्ता बैरिस्टर सैफ का नाम लिया है और मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग की। याचिका में संघीय एवं प्रांतीय सरकारों को भी पक्ष बनाया गया है। इसमें कहा गया है कि पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के बलिदानों के साथ-साथ एएनपी सरकार के प्रयासों के बाद शांति बहाल हुई।
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