नई दिल्ली: इन दिनो पूरे विश्व में ओमिक्रॉन का कहर छाया हुआ है। हर कोई इससे डरा हुआ है। लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ओमिक्रोन पहले आए वेरिएंट की तुलना में अधिक गंभीर है? मौजूदा टीके इसके खिलाफ लड़ने की क्षमता रखते हैं या नहीं? इन सवालों पर विराम लगाते हुए WHO और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने आशंकाओं को शांत किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात निदेशक माइकल रयान ने में बताया कि हां यह पिछले स्वरूप की जगह ज्यादा संक्रामक है, लेकिन प्रारंभिक डाटा यह संकेत नहीं देते हैं कि यह अधिक घातक है।
उन्होंने कहा, "हमारे पास अत्यधिक प्रभावी टीके हैं, जो गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से प्रभावी साबित हुए हैं।'' हालांकि, रयान ने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट का अध्ययन करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है ताकि उचित रूप से ये समझा जा सके कि यह कितना ख़तरनाक है।
इसी तरह अमेरिका के एक चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि ओमिक्रॉन निश्चित रूप से डेल्टा सहित पिछले वेरिएंट्स से ज़्यादा खतरनाक नहीं है, जिसमें डेल्टा भी शामिल है।
इस बीच, दक्षिण अफ्रीका के शोधकर्ताओं ने पाया है कि फाइज़र की कोविड-19 वैक्सीन वास्तव में वायरस के अन्य प्रमुख रूपों की तुलना में ओमिक्रॉन के खिलाफ कम प्रतिरक्षा प्रदान करती है।
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