प्योंगयांग: उत्तर कोरिया के सुप्रीम नेता किम जोंग उन ने हमले के लिए और भी ज्यादा शक्तिशाली माध्यम विकसित करने का संकल्प लिया है। ये खबर तब सामने आई है जब चार साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद उत्तर कोरिया ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया है।
किम जोंग के इस बयान से ऐसा लग रहा है कि अमेरिका पर प्रेशर बनाने के लिए उत्तर कोरिया और भी तकनीकी हथियारों या परमाणु से जुड़ा परीक्षण कर सकता है। गौरतलब है कि जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब किम जोंग और उनके बीच की जुबानी बयानबाजी काफी सुर्खियों में भी रहती थी।
बीते गुरुवार को भी उत्तर कोरिया ने अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का समुद्र की ओर परीक्षण किया था। इस बात की जानकारी उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार समिति ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने दी थी।
केसीएनए ने बताया था कि ह्वासोंग-17 (आईसीबीएम) 6,248 किलोमीटर (3,880 मील) की अधिकतम ऊंचाई पर पहुंची और उत्तर कोरिया और जापान के बीच समुद्र में गिरने से पहले उसने 67 मिनट में 1,090 किलोमीटर (680 मील) का सफर तय किया।
इस मिसाइल के बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि ये अमेरिका तक पहुंच सकती है और अगर इसे एक टन से कम वजन वाले आयुध के साथ सामान्य प्रक्षेप-पथ पर दागा जाए, तो यह 15,000 किलोमीटर (9,320 मील) तक के लक्ष्य को भेद सकती है।
गौरतलब है कि इस साल उत्तर कोरिया ने ये 12वां प्रक्षेपण किया है। इससे पहले साल 2017 में उत्तर कोरिया तीन आईसीबीएम परीक्षणों के साथ ये जता चुका है कि वह अमेरिका तक पहुंच सकता है।
(इनपुट:एजेंसी)
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