नियामी (नाइजर): नाइजर के सैन्य शासक (जुंटा) ने अमेरिका के पेंटागन हाउस को बड़ी चेतावनी दी है। नाइजर के सैन्य शासकों ने अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ अब विद्रोह छेड़ दिया है। इस कड़ी में नाइजर के सैन्य शासकों ने शनिवार को कहा कि देश में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी का अब कोई औचत्य नहीं है। इस हफ्ते अमेरिकी राजनयिकों एवं सैन्य अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बातचीत के बाद सरकारी टीवी पर यह घोषणा की गई है।
नाइजर अफ्रीका के सहेल क्षेत्र में अमेरिकी सेना के अभियानों में एक अहम भूमिका निभाता है और देश में एक प्रमुख एयरबेस है। अमेरिका इस क्षेत्र में जिहादी हिंसा फैलने को लेकर चिंतित है, जहां स्थानीय समूहों ने अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट चरमपंथी समूहों के प्रति निष्ठा जताई है। सैन्य शासन के प्रवक्ता कर्नल मेजर अमादौ अब्दरहमान ने बयान पढ़ते हुए पूरी तरह यह तो नहीं कहा कि अमेरिकी बलों को देश छोड़ देना चाहिए।
नाइजर के क्षेत्र से अमेरिकी उड़ानों को भी बताया अवैध
नाइजर ने अमेरिकी सैनिकों को देश से निष्कासित करने का आंदोलन छेड़ने के साथ उनकी उड़ानों को भी अवैध बताया है। नाइजर ने अमेरिका के साथ सैन्य सहयोग रोकने के साथ कहा कि हाल के हफ्तों में देश के क्षेत्र से गुजरी अमेरिकी उड़ानें अवैध थीं। देश में पिछले साल जुलाई में सेना ने लोकतांत्रिक रूप से चुने गए राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौंम का तख्तापलट कर दिया था। इसके बाद से नाइजर यूरोपीय संघ से अपनी सुरक्षा साझेदारी खत्म कर चुका है और फ्रांस ने देश से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है। (एपी)
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