India-New zealand : न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्यूजीलैंड आने का निमंत्रण दिया है। ये न्यौता उन्होने ऑकलैड में विश्व सद्भावना कार्यक्रम में भाग लेते हुए दिया जो कि एनआईडी फाउंडेशन और इंडियन वीकेंडर द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित कीवी इंडियन हॉल ऑफ फेम पुरस्कारों का एक हिस्सा था। इस कार्यक्रम में प्रधानंत्री मोदी के गवर्नेंस मॉडल और सफल शासन पर आधारित दो पुस्तकों का अनावरण भी विदेश मत्री डॉ. एस जयशंकर की उपस्थिति में किया गया।मुख्य अतिथि के रुप में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि, "न्यूजीलैड और भारत के बीच बहुत ही चीजें एक जैसी है। उन्होंने कहा दोनों देशों के बीच संबध मजबूत हो रहे हैं और आने वाले समय में आपसी साझेदार की व्यापक संभावनाएं हैं।"
दोनों देश लोकतांत्रिक परंपराओं को लेकर संजीदा: अर्डर्न
प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित करते हुए उन्होंने कहा, "एक ऐसी दुनिया में जो तेजी से अस्थिर होती जा रही है, न्यूजीलैंड और भारत बहुत सी चीजें साझा करते हैं। दोनों देश हमारी लोकतात्रिक परंपराओं के लिए संजीदा हैं और शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रचि रखते हैं। हम जलवायु परिवर्तन के लिए चिंता साझा करते हैं और विभिन्न संस्कृतिओं और परंपराओं के लिए सम्मान रखते हैं। आज जैसा मौका ना केवल हमारे संबंधों को गहरा करते हैं बल्कि हमारी आकांक्षाओं को भी आगे बढ़ते हैं।"
भारत-न्यूजीलैंड 70 वर्षों में संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत: अर्डर्न
आगे उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर के साथ दोनों देशों के बीच साझेदारी के अवसरों पर चर्चा की और कहा, "आज न्यूजीलैंड और भारत के बीच औपचारिक राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर मुझे यह कहकर खुशी हो रही है कि दोनों देशों के आपसी संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हुए हैं। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद दोनों देशों के बीच प्यापार जारी रहा और मुझे आने वाले समय में विकास की एक बड़ी संभावना दिखाई दे रही है।"
न्यूजीलैंड के विकास में भारतीयों का योगदान सराहनीय: न्यूजीलैंड पीएम
अपनी बात आगे जारी रखते हुए उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि दोनों देशों के बीच सेतु हमारे लोग रहे और हमेशा ही रहेंगे। भारतीयों ने यहां 1890 के दशक में रहना शुरू किया और आज न्यूजीलैंड का सबसे बड़ा जातीय समुदाय है, जो हमारी आबादी का 5 प्रतिशत है। कोई आश्चर्य नहीं, न्यूजीलैंड में हिंदी 5वीं सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। न्यूजीलैंड की प्रगाति में भारतीयों का योगदान सरहानीय रहा है।" उन्होंने कहा कि, मंत्री जयशंकर के साथ भारतीय स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में न्यूजीलैंड पोस्ट द्वारा एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया गया।
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