New Population Policy: यूक्रेन के साथ करीब छह माह से चल रहे भीषण युद्ध के चलते भारी जनधन का नुकसान उठाने के बावजूद रूस ने हिम्मत नहीं हारी है। मगर अब इस देश के सामने एक ऐसी बड़ी मुसीबत आ गई है, जिससे राष्ट्रपति पुतिन गहरी चिंता में डूब गए हैं। जिसका सामना करना रूस के लिए कड़ी चुनौती बन गया है। यूरोपीय देशों समेत अमेरिका जैसे शक्तिशाली राष्ट्रों की धमकियों और चेतावनियों को नजरंदाज कर यूक्रेन को तबाह कर देने वाला रूस अब नए संकट से घिरता जा रहा है। जिसका तत्काल समाधान मिल पाना मुश्किल लग रहा है, लेकिन पुतिन ने इस संकट से उबरने के लिए अपने देश की महिलाओं से मदद मांगी है।
दरअसल यूक्रेन के साथ हो रहे युद्ध में भारी संख्या में रूस के सैनिक मारे जा चुके हैं। इसके अलावा पहले से ही यहां जनसंख्या का अनुपात मंद चल रहा था। ऐसे में इस शक्तिशाली राष्ट्र के सामने घटती जनसंख्या चिंता का सबब बन गई है। रूस की मौजूदा जनसंख्या 14 करोड़ 15 लाख 40 हजार के करीब है। विश्व के टॉप 10 जनसंख्या वाले देशों की सूची में रूस नौवें नंबर पर है। जबकि क्षेत्रफल के लिहाज से यह बड़ा देश है। ऐसे में रूस की चिंता बढ़ना लाजमी है। यदि यूक्रेन के साथ युद्ध और लंबा खिंचा तो निश्चित रूप से उसके और सैनिक मारे जा सकते हैं। ऐसे में इसकी जनसंख्या और भी घटेगी। इस खतरे को भांपते हुए रूस ने अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
पुतिन ने कहा कम से कम 10 बच्चे पैदा करें महिलाएं
रूस के राष्ट्रपति ने अपने देश की सभी महिलाओं से अपील करते हुए कम से कम दस-दस बच्चे पैदा करने की अपील की है। 10 और इससे अधिक बच्चे पैदा करने वाली महिलाओं को उन्होंने 13-13 लाख रुपये बतौर पुरस्कार देना का ऐलान भी किया है। ताकि रूस में छाया जनसंख्या का गहरा संकट टाला जा सके। दस बच्चे पैदा करने वाली महिलाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने की भी योजना है। इतना ही नहीं ऐसी महिलाओं को मदर हीरोइन अवार्ड भी दिया जाएगा। वर्ष 1945 में हुए द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी रूस में अधिक बच्चे पैदा करने वाली महिलाओं को यह अवार्ड दिया जाता था, लेकिन 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद से इस पुरस्कार को दिया जाना बंद कर दिया गया था। अब इसे फिर से शुरू किया गया है। राष्ट्रपति को उम्मीद है कि उनका यह ऐलान रूसी महिलाओं को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित करेगा। इससे रूस में पैदा हुए जनसंख्या संकट का हल निकाला जा सकेगा।
कोरोना और युद्ध ने रूस में घटाई जनसंख्या
वैसे तो रूस में वर्ष 1990 के दशक से ही जनसंख्या का अनुपात धीरे-धीरे घटता जा रहा है, लेकिन विश्व भर में फैली कोरोना महामारी के चलते भी यहां काफी मौतें हुईं। इसके बाद यूक्रेन के साथ हो रहे युद्ध में अब तक 50 हजार से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की खबर है। इससे रूस की जनसंख्या का अनुपात बिगड़ने लगा है। रूस को पता है कि यदि अभी से इस दिशा में सख्त कदम नहीं उठाया गया तो आगे चलकर उसे बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
जनसंख्या के लिहाज से चीन विश्व का सबसे बड़ा और पिटकेर्न सबसे छोटा देश
जनसंख्या के मामले में चीन अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा देश बना है। हालांकि भारत भी इसके काफी करीब पहुंच गया है। मौजूदा जनसंख्या के आंकड़ों के मुताबिक चीन की जनसंख्या 01 अरब 42 करोड़ से अधिक है। वहीं भारत 01 अरब 36 करोड़ की जनसंख्या के साथ दुनिया में दूसरे नंबर पर है। जबकि पिटकेर्न सिर्फ 50 व्यक्तियों की संख्या के साथ विश्व का सबसे कम जनसंख्या वाला देश है। वहीं वेटिकन सिटी 800 की जनसंख्या के साथ दुनिया में दूसरे नंबर पर है।
सर्वाधिक जनसंख्या वाले पांच देश
देश जनसंख्या
चीन 01 अरब 42 करोड़
भारत 01 अरब 36 करोड़
अमेरिका 34 करोड़ 44 लाख
इंडोनेशिया 22 करोड़ 99 लाख
सबसे कम जनसंख्या वाले देश
देश जनसंख्या
पिटकेर्न 50
वेटिकन सिटी 800
टोकेलाउ 1400
न्यूए 1500
फाकलैंड द्वीपसमूह 3000
प्रमुख देश और उनकी प्रति व्यक्ति आय
चीन 16842 अमेरिकन डालर
भारत 7166 डालर
अमेरिका 59928 डालर
इंडोनेशिया 12310 डालर
पाकिस्तान 55339 डालर
वेटिकन सिटी 21198 डालर
टोकेलाउ 6275 डालर
न्यूए 14546 डालर
फाकलैंड 70800 डालर
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