नेतन्याहू ने बाइडेन से ले लिया पंगा! फिलिस्तीन के तट पर अमेरिकी महिला को इजरायली सैनिकों ने इस वजह से मारी गोली
इजरायली सैनिकों ने फिलिस्तीन के पश्चिमी तट पर एक अमेरिकी महिला को गोली मार दी है। इससे दोनों देशों में तनाव बढ़ने की आशंका है। हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग ने महिला की मौत की पुष्टि जरूर की है, लेकिन यह नहीं बताया कि उसे इजरायली सैनिकों ने गोली मारी या नहीं।
नाबलूसः जिस इजरायल की हमास के खिलाफ अमेरिका मदद कर रहा है, उसके सैनिकों ने अब अपने दोस्त से ही पंगा ले लिया है। नेतन्याहू की सेना ने एक अमेरिकी महिला को फिलिस्तीन के तट पर गोली मार दी है। आशंका जताई जा रही है कि इजरायली सैनिकों की इस हरकत से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भड़क सकते हैं। आइए अब आपको बताते हैं कि इजरायली सैनिकों ने आखिर अमेरिकी मूल की इस महिला को गोली क्यों मारी?
बताया जा रहा है कि इजरायली सैनिकों की गोली का शिकार हुई अमेरिकी मूल की महिला फिलस्तीन के पश्चिमी तट पर बस्ती बसाने के खिलाफ शुक्रवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल थी। इजरायली सैनिकों ने इस लिए अमेरिकी महिला को गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को यह जानकारी दी। वहीं, दो चिकित्सकों ने बताया कि महिला के सिर में गोली मारी गई।
महिला की मौत के बाद आया अमेरिका का रिएक्शन
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने तुर्की में जन्मीं 26 वर्षीय महिला आयसेनुर एजगी ईगी की मौत की पुष्टि की। उन्होंने यह नहीं बताया कि उसे इजरायली सैनिकों ने गोली मारी या नहीं। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि वह एक अमेरिकी नागरिक की हत्या से ‘बहुत परेशान’ है। तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओनकू केसेली ने कहा कि ईगी तुर्की की भी नागरिक थीं। उन्होंने कहा कि उनका देश ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा कि उसके नागरिक की हत्या करने वालों को न्याय के कठघरे में लाया जाए।’’ इजरायल की सेना ने कहा कि वह उन खबरों की जांच कर रही है जिनमें कहा गया है कि सैनिकों ने विरोध प्रदर्शन के क्षेत्र में ‘‘हिंसक गतिविधि को भड़काने वाले’’ पर गोलीबारी करते हुए एक विदेशी नागरिक को मार दिया। खबर के मुताबिक गोली लगने से जिस महिला की मौत हुर्ठ वह बसावट के विस्तार के खिलाफ साप्ताहिक प्रदर्शन में हिस्सा ले रही थी।
एक अन्य अमेरिकी को भी इजरायल ने पहले मारी थी गोली
यह प्रदर्शन पहले भी हिंसक हो चुका है। एक महीने पहले, अमेरिकी नागरिक अमादो सिसन को इजरायली सैनिकों ने पैर में तब गोली मार दी थी, जब वह आंसू गैस और गोलीबारी से बचने के लिए भागने की कोशिश कर रहा था। प्रदर्शन में शामिल इजरायली नागरिक जोनाथन पोलाक ने कहा कि गोलीबारी की यह घटना उस समय हुई जब दर्जनों फिलस्तीनी और अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ता उत्तरी पश्चिमी तट के शहर बेइता के बाहर एक पहाड़ी पर सामूहिक प्रार्थना कर रहे थे, जो इजरायली बस्ती एव्यातार के सामने स्थित है। घटनास्थल पर महिला का प्राथमिक उपचार करने वालीं डॉ.वार्ड बसालत और नजदीकी राफिदिया अस्पताल (जहां उसे ले जाया गया) के निदेशक डॉ.फौद नफ्फा ने बताया कि महिला के सिर में गोली मारी गई थी। ईगी वर्ष 2000 के बाद से इंटरनेशनल सॉलिडैरिटी मूवमेंटो (आईएसएम) की मारी गई तीसरी कार्यकर्ता हैं।
तुर्की ने की महिला की हत्या की निंदा
आईएसएम कार्यकर्ता अक्सर इजरायली सेना और फलस्तीनियों के बीच खड़े होकर इजराइली सेना को अभियान चलाने से रोकने की कोशिश करते हैं। पूर्व में मारे गए आईएसएम के दो कार्यकर्ताओं में अमेरिकी रेचल कॉरी और फोटोग्राफी के ब्रिटिश छात्र टॉम हुरंडल हैं जो 2003 में गाजा में मारे गए थे। तुर्किये के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक लिखित बयान में कहा, ‘‘नेतन्याहू सरकार द्वारा की गई इस हत्या’’ की वह निंदा करता है।
फिलस्तीनी अधिकारियों ने कहा कि यह हत्या दर्शाती है कि इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से इजराइल ने इस क्षेत्र में फलस्तीनियों के विरोध प्रदर्शनों का दमन तेज कर दिया है। फलस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (पीएलओ) के महासचिव हुसैन अल-शेख ने ‘एक्स’ पर लिखा, यह हत्या ‘‘कब्जाधारी बलों द्वारा प्रतिदिन किए जाने वाले अपराधों की श्रृंखला में एक और अपराध है। (एपी)
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