Neom City Project: दुनिया में ऐसे कई काम होते हैं जिन्हें जानकार आपको हैरानी होती है। कभी आगरा गए होंगे तो ताजमहल को देखा होगा, ये दुनिया का 7वां अजूबा है। आप देखकर हैरान हो जाते होंगे कि ये कैसे बना होगा, जबकि उस जमाने में कोई मशीन या तकनीक नहीं थी। जिससे आसानी से कामों को किया जा सकें, फिर भी ताज महल को बनाया गया। हम ताजमहल की क्यों बात कर रहे हैं, क्योंकि ये अपने आप में एक अजूबा है। इसी तरह से सऊदी अरब (UAE) में एक शहर बसाया जा रहा है, ऐसा कहा जा रहा है कि ये शहर अपने आप में सारी सुविधाओं से लैस होगा। इस शहर का नाम नियोम सिटी (Niyom City) बताया जा रहा है। जिसे नियोम सिटी प्रोजेक्ट (NEOM City Project) नाम दिया गया है। इस सिटी को रेगिस्तान पर बसाया जा रहा है। इस प्रोजक्ट से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, नियोम शहर (Niyom City) को बनाने में 500 बिलियन डॉलर लगेगा। इस शहर में हर जरूरत की चीजें मिलेगी।
Mohammed Bin Salman के सपनों का शहर
इस प्रोजेक्ट से सीधे Mohammed Bin Salman जुड़े हैं। उनका ये सबसे खास प्रोजेक्ट है। उन्होंने खुद इस शहर का ब्लूप्रिंट बनाया था। इस सिटी को बनाने का लक्ष्य 4 साल रखा गया है, लेकिन कई लोगों का कहना है कि इस शहर को बनने में 50 साल लग जाएंगे। हालांकि, इस प्रोजेक्ट पर सलमान लगातार काम कर रहे हैं और उनका कहना है कि निर्धारित समय तक इस शहर को बना लिया जाएगा। इस सिटी में अलग-अलग इमारतों को जोड़कर एक बेल्ट तैयार किया जाएगा। ऐसा कहा जा रहा है कि इसके 90 फिसदी भू-भाग पर पेड़, पौधे और जंगल बसाए जाएंगे। यानी ये पूरा शहर प्रकृति को समर्पित रहेगा।
इस शहर को बसाने के लिए इतना पैसा कहां से आया?
इस शहर को बनाने में इतने पैसे लग रहे हैं, तो आप सोच रहे होंगे सलमान ये सारे पैसे कहां से ला रहे हैं? क्राउन प्रिंस बिन सलमान के मुताबिक, इस सिटी को बनाने के लिए सऊदी अरब नियोम इनवेस्टमेंट फंड के नाम पर 300 बिलियन रियाल अलग रखी जाएगी। इसमें आधा खर्च सऊदी संप्रभ धन कोष से उठाया जाएगा। ऐसा अनुमान है कि नियोम से सऊदी के स्टॉक मार्केट की वैल्यू में ट्रिलियन रियाल की बढ़ोतरी होगी।
नियोम का मलतब क्या है?
नियोम शब्द का संबंध ग्रीक और अरबी भाषा से है। ग्रीक भाषा में "एम" का अर्थ है नया, जबकि अरबी भाषा में "नियो" का मतलब है भविष्य, दोनों को मिलाकर बना नियोम। यानी एक शहर जो एक दम नया होगा।
किस जगह पर तैयार हो रहा है ये शहर
इस शहर को आकाबा खाड़ी और लाल सागर के किनारे पर बसाया जा रहा है। इस सिटी की सीमा जोर्डन और मिस्र देश से लगेगी। इस शहर में प्रदूषण एक दम जीरो होगा। ऐसा माना जा रहा है कि ये जगह कार्बन मुक्त होगी। अपने आप में सोचने वाली बात है कि जब पूरी दुनिया कार्बन से जूझ रही है तो ऐसे में इस तरह के शहर की कल्पना करना कितना मुश्किल भरा होगा।
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