World Post Day:जानें सबसे पहले कहां से हुआ डॉक का आगाज, भारत का तैरता और दुनिया का सबसे ऊंचा डॉक कहां है?
दुनिया में सबसे पहले डॉक की शुरुआत ब्रिटेन से हुई मानी जाती है। 1516 में ब्रिटेन में पहले डॉकघर की स्थापना की गई। इसका मुख्यालय इंग्लैंड को बनाया गया था। वहीं भारत में 1774 में कोलकाता में पहले डॉक घर की शुरुआत हुई। भारत में दुनिया का सबसे ऊंचा और तैरता डॉकघर भी मौजूद है।
Highlights
- 1516 में ब्रिटेन में खुला दुनिया का पहला डॉक घर
- भारत में 248 वर्ष पहले हुई डॉक घर की शुरुआत
- कश्मीर के डल झील में है तैरता हुआ डॉक घर
World Post Day:पूरी दुनिया में आज विश्व डॉक दिवस मनाया जा रहा है। विश्व में सबसे पहले कहां से डॉक की शुरुआत कहां से हुई और भारत में डॉक सेवा का आगाज कब हुआ और अपने देश में तैरता डॉकघर कहां है। क्या इसके बारे में आप ने कभी कुछ सुना है। आइए आपको विश्व के डॉकघरों से लेकर भारतीय डॉक के बारे में कुछ रोचक किस्से बताते हैं।
506 वर्ष पहले खुला दुनिया का पहला डॉकघर
दुनिया का पहला डॉक घर 506 वर्ष पहले यानि 1516 में ब्रिटेन में खोला गया। इसका मुख्यालय इंग्लैंड बनाया गया। इसे रॉयल मेल के नाम से जाना जाता है। यह दुनिया का पहला और विश्व का सबसे पुराना डॉक घर है। इसके बाद वर्ष 1576 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में दूसरा डॉक घर खोला गया। इसके ला पोस्ट ए के नाम से जाना गया। इसके बाद अन्य देशों में धीरे-धीरे डॉक घरों के बनने की शुरुआत की गई।
भारत में 248 वर्ष पहले खुला पहला डॉकघर
भारत में डॉक घर की स्थापना 248 वर्ष पहले कोलकाता में की गई। वर्ष 1774 में कोलकाता के वारेन हेस्टिंग्स में देश का पहला डॉक घर खोला गया। हालांकि भारत में डॉक व्यवस्था प्रारंभ इसके करीब आठ वर्ष पहले ही हो चुका था। भारत में 1766 में पहली बार डॉक व्यवस्था की शुरुआत कर दी गई थी। वर्तमान में देशस में डेढ़ लाख से अधिक पोस्ट ऑफिस हैं। 90 फीसद पोस्ट ऑफिस भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। भारत में एक विभाग के रूस में इसकी स्थापना एक अक्टूबर 1854 को की गई।
इसलिए मनाया जाता है विश्व डॉक दिवस
पूरी दुनिया में नौ अक्टूबर को विश्व डॉक दिवस मनाया जाता है। इसकी वजह है कि 22 देशों ने मिलकर 9 अक्टूबर 1874 को विश्व में पहली बार यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की शुरुआत की। इसके लिए इन देशों के बीच एक संधि पर हस्ताक्षर भी किया गया। इसकी स्थापना स्विट्जरलैंड में की गई। इसीलिए प्रत्येक वर्ष 9 अक्टूबर को विश्व डॉक दिवस मनाया जाता है। भारत यूनिवर्सल यूनियन का सदस्य एक जुलाई 1876 को बना।
भारत में चिट्ठी भेजने के लिए जब पहली बार लगा डॉक टिकट
अपने देश में पहली बार चिट्ठी पर डॉक टिकट लगाने का आरंभ 1852 में किया गया। भारतीय डॉक टिकट पर महारानी विक्टोरिया का चित्र लगाकर इसे 01 अक्टूबर 1854 को जारी किया गया। देश में अब तक का सबसे बड़ा डॉक टिकट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम का 20 अगस्त 1991 को जारी किया गया था।
भारत से एक वर्ष बाद खुला अमेरिका में डॉक घर
भारत में पहले डॉक घर की स्थापना 1774 में ही कोलकाता से हो गई थी। जबकि अमेरिका में पहले डॉक विभाग की स्थापना 1775 में हुई। अमेरिकी डॉक विभाग को यूएस मेल के नाम से जाना जाता है।
श्रीलंका और पाकिस्तान में कब शुरू हुआ डॉक
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में 1882 में डॉक घर की शुरुआत कर दी गई। श्रीलंका के डॉक विभाग का नाम श्रीलंका पोस्ट है। इसका मुख्यालय कोलंबो में बनाया गया है। वहीं पाकिस्तान में डॉक विभाग की शुरुआत भारत से विभाजन के बाद 1947 में हुई। इसे पाकिस्तान पोस्ट कहा जाता है। पाकिस्तान ने अपने डॉक विभाग का मुख्यालय इस्लामाबाद को बनाया है।
वर्ष 1969 से विश्व पोस्ट दिवस मनाने की शुरुआत
वर्ष 1969 में जापान की राजधानी टोकियो में यूपीयू कांग्रेस का आयोजन किया गया था। इसी दौरान यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के स्थापना दिवस को विश्व पोस्ट दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। विश्व डॉक दिवस मनाए जाने का उद्देश्य लोगों के जीवन में पोस्ट सुविधा होने से व्यवसाय और सामाजिक आर्थिक परिवर्तन से अवगत कराना है। ताकि उनमें जागरूकता लाई जा सके।
भारत पहली बार 1986 में हुई स्पीड पोस्ट की शुरुआत
भारतीय डॉक की स्पीड बढ़ाने के लिए वर्ष 1986 में स्पीड पोस्ट सेवा की शुरुआत की गई। इससे पहले पत्र पहुंचने में 15 दिन से लेकर महीनों तक का समय लग जाया करता था। स्पीड पोस्ट से तीन-चार दिनों के अंतराल में सूचनाएं अपने गंतव्य तक पहुंचने लगीं। हालांकि पोस्ट ऑफिस के जरिये मनी ऑर्डर भेजने की शुरुआत 1880 में ही हो गई थी।
देश का ऐसा डॉक घर जो भारत में नहीं है
भारत के दक्षिण गंगोत्री में स्थापित अंटार्कटिका पहला ऐसा डॉक घर है, जो भारतीय सीमा के बाहर है। इसकी स्थापना वर्ष 1983 में की गई थी। मगर यह भारतीय सीमा से बाहर पड़ता है। लोगों को डॉक सुविधाएं मुहैया कराने के मकसद से इस दुर्गम क्षेत्र में इसकी स्थापना की गई।
कश्मीर में है भारत का तैरता डॉक घर
कश्मीर के डल झील में भारत ने एक बोट पर तैरता डॉक घर बनाया है। इसके जरिये 50 हजार से अधिक स्थानीय लोगों को डॉक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह डॉक घर तैरता हुआ लोगों को डॉक सेवाएं देने के लिए उनके घरों तक जाता है और पुनः अपने स्थान पर लौट आता है। इसीलिए इसे भारत का चलता फिरता डॉक घर भी कहा जाता है।
दुनिया का सबसे ऊंचा डॉक घर भारत में
दुनिया का सबसे ऊंचा डॉक घर भी भारत में है, जो कि 15 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। पूरे विश्व में इससे अधिक ऊंचा डॉक घर कहीं नहीं है। यह डॉक घर हिमाचल प्रदेश के हिक्किम जिले में है। इस डॉक घर की स्थापना वर्ष 1983 में की गई थी। यह सबसे छोटा पोस्ट ऑफिस भी है। इस तरह दुर्गम क्षेत्र में यह लोगों को समस्त डॉक सुविधाएं आज तक मुहैया करा रहा है।