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Hindi News विदेश अन्य देश कई खूबियों से भरे हैं ये मामूली छुरी-कांटे, खरीदने के लिए लोगों में लगी होड़, 10 लाख से ज्यादा में बिके, मगर क्यों?

कई खूबियों से भरे हैं ये मामूली छुरी-कांटे, खरीदने के लिए लोगों में लगी होड़, 10 लाख से ज्यादा में बिके, मगर क्यों?

नेपोलियन के छुरी-कांटे की नीलामी 11,250 पाउंड (करीब 10,64,044 रुपये) में हुई है। और इसके लिए भी लोगों ने नीलामी के लिए बढ़ चढ़कर रकम बताई। सिल्वर और गोल्डन कलर की छुरी पर जनरल के 'N' का निशान बना हुआ है।

Napoleon Bonaparte Knife Fork- India TV Hindi Image Source : TWITTER Napoleon Bonaparte Knife Fork

Highlights

  • लाखों में बिके नेपोलियन बोनापार्टे के छुरी-कांटे
  • छुरी-कांटे में बनाए गए थे बेहद खास डिजाइन
  • ताकतवर शासकों में शुमार थे नेपोलियन बोनापार्टे

Napoleon Bonaparte Knife-Fork: जैसा कि आप तस्वीर में देख सकते हैं, आपको मामूली छुरी-कांटे दिखाई दे रहे होंगे। दिखने में ये एकदम मामूली लग रहे हैं, लेकिन इनकी बिक्री 10 लाख से अधिक कीमत में हुई है। ऐसे में जहन में ये सवाल उठना लाजमी है कि भला इनमें ऐसा क्या है, कि इतनी बड़ी कीमत में इन्हें किसी ने खरीदा है? तो इसके पीछे का कारण ये है कि ये छुरी-कांटे किसी मामूली इंसान के नहीं बल्कि फ्रांस के सबसे ताकतवर शासकों में शुमार नेपोलियन बोनापार्टे के हैं। उन्होंने निजी तौर पर इनका इस्तेमल किया था।

नेपोलियन के छुरी-कांटे की नीलामी 11,250 पाउंड (करीब 10,64,044 रुपये) में हुई है। और इसके लिए भी लोगों ने नीलामी के लिए बढ़ चढ़कर रकम बताई। सिल्वर और गोल्डन कलर की छुरी पर जनरल के 'N' का निशान बना हुआ है। ये नीलामी ब्रिटेन के इंग्लैंड में विल्टशायर के सेलिस्बरी में हुई है। शुरुआत में इन छुरी कांटे की कीमत 5000 पाउंड आंकी गई थी। लेकिन इसकी नीलामी 11 हजार पाउंड से अधिक में हुई है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस सामान को 1815 में नेपोलियन की वाटरलू में हुई भीषण हार के बाद उनके बक्से से निकाला गया था। 

किसने और कब बनाया था?

छुरी कांटे को बनाने का काम फ्रांस के मशहूर सुनार मार्टिन-गुइलामे बिएनाइस ने पेरिस में 1810 में किया था। इसके साथ ही उन्होंने 1804 के आयोजित राज्याभिषेक के लिए नेपोलियन के मुकुट और स्केप्टर (जो दिखने में छड़ी जैसा सोने का बना होता है) की सप्लाई भी की थी। यही उच्च गुणवत्ता वाले सामान 1920 के दशक में करोबारी अल्फ्रेड विलियम वेस्टन ने खरीद लिए थे। इन्हें करीब एक सदी तक उनके परिवार ने अपने पास रखा। इसके बाद ये सामान नीलामीकर्ता वूली एंट वालिस के पास आया। 

डिजाइन्स में खास चीजें शामिल

वूली और वालिस में चांदी की समझ रखने वाले रूपर्ट स्लिंग्सबाय का कहना है, 'बिएनाइस वही सुनार थे, जिन्होंने 1804 में नेपोलियन के राज्याभिषेक के लिए मुकुट और सकेप्टर भेजा था। और बोनापार्टे परिवार को उनके पूरे शासनकाल के दौरान चांदी से बना सामान बनाकर देते थे।' उन्होंने आगे कहा, 'इन डिजाइन में ऐसी खूबियां शामिल हैं, जो व्यक्तिगत रूप से नेपोलियन से संबंधित थीं। इसमें उनके शाही हथियार, एन और मधुमक्खी की आकृति शामिल थी, जिसे उन्होंने बहुत पसंद किया था।'

एक ही परिवार के पास 100 साल तक रहे

रूपर्ट स्लिंग्सबाय ने आगे बताया, 'ये छुरी और कांटा करीब 100 साल तक बाजार में नहीं दिखे थे। इन्हें अल्फ्रेड विलियम वेस्टन नाम के कारोबारी ने 1920 के दशक में खरीदा था और तभी से उनके परिवार में एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी को सौंपे जा रहे थे। इन बर्तनों की गुणवत्ता बेहद अच्छी है। इन्हें देखकर 19वीं सदी में नेपोलियन की शोहरत का पता चल सकता है। एक अन्य खास बात ये भी है कि नेपोलियन की हार के बाद भी ये बचे रहे। इसका मतलब है कि नेपोलियन के विरोधियों ने भी इन्हें बेशकीमती वस्तुएं माना, और आज ये ब्रितानी-फ्रांसीसी इतिहास का प्रतीक बन गई हैं।' 

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