फिल्म काली के विवादित पोस्टर को लेकर ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने आपत्ती जताते हुए कनाडा सरकार से कहा था कि वह टोरंटो स्थित आगा ख़ान म्यूज़ियम से फिल्म काली से जुड़ी सभी आपत्तिजनक सामाग्री को हटा दें। अब इस पर आगा ख़ान म्यूज़ियम की तरफ से प्रक्रिया आई है उन्होंने इस पर खेद जताते हुए एक बयान जारी किया है।
टोरंटो के आगा ख़ान म्यूज़ियम ने इस विवाद पर बयान जारी करते हुए कहा है, 'म्यूज़ियम को खेद है कि 'अंडर द टेंट' प्रोजेक्ट के तहत म्यूज़ियम में मौजूद देवी काली की अपमानजनक प्रेजेंटेशन ने हिंदुओं और अन्य धार्मिक समुदायों को अपमानित किया है।"
कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने जताई थी आपत्ति
इस मामले में कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने आपत्ति जताई थी। उच्चायोग ने कहा था कि उन्हें हिंदू समुदाय की तरफ से शिकायतें मिली हैं कि कनाडा में अंडर द टेंट प्रोजेक्ट के तहत एक पोस्टर प्रदर्शित किया गया है, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं की बेअदबी की गई है।
हमने कार्यक्रम के आयोजकों से अपनी चिंता जताई है और इसके जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है।
भारत में इस विवाद पर कई जगह FIR भी दर्ज
मां काली के विवादित पोस्टर मामले में दिल्ली और यूपी में FIR दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने मां काली पोस्टर मामले में सेक्शन 153A और 295A के तहत एफआईआर दर्ज की है। असल में दिल्ली पुलिस को काली मां के पोस्टर विवाद में दो शिकायत मिली थीं। एक शिकायत नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट और एक शिकायत IFSO को दी गई थी। फिलहाल IFSO यूनिट ने ये तस्वीर लगाने वाली डायरेक्टर लीना मनिमेकलाई के खिलाफ आईपीसी 153A (धर्म जाति के आधार पर भड़काना) और आईपीसी 295A (किसी वर्ग, धर्म की भावनाओं को आहत पहुंचाने का मामला) के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट वाली शिकायत पर नई दिल्ली पुलिस अभी जांच कर रही है।
क्या है पूरा मामला
2 जुलाई को कनाडा में मां काली का एक ऐसा पोस्टर जारी किया गया था, जिसमें मां काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है और पोस्टर में मां काली के हाथ में LGBTQ का प्राइड फ्लैग भी है। इस पोस्टर ने भारत में बवाल मचा दिया है। बता दें कि ये पोस्टर फिल्ममेकर लीना मनिमेकलाई की डाक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' का है। विवाद के बाद लोग सोशल मीडिया पर फिल्ममेकर लीना को जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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