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जापान में तलाकशुदा माता-पिता के पास संयुक्त रूप से होगा बच्चे की कस्टडी का विकल्प, कानून पारित

जापान में तलाक के मामले लगातार बढ़े हैं। ऐसे में बच्चों की देखभाल सबसे बड़ी समस्या है। अब इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए जापान की संसद ने नागरिक संहिता में बड़ा संशोधन पारित किया है।

japan joint child custody law (सांकेतिक तस्वीर)- India TV Hindi Image Source : AP japan joint child custody law (सांकेतिक तस्वीर)

Japan Joint Child Custody Law:  जापान की संसद ने शुक्रवार को देश की नागरिक संहिता में बड़ा संशोधन पारित किया है। यह संशोधन तलाकशुदा माता-पिता को संयुक्त रूप से बच्चे की कस्टडी का विकल्प प्रदान करेगा। जापान में यह एक ऐसा बदलाव है जो उसे कई इन्य देशों के बराबर लाता है। जापान में दशकों से तलाक होने पर, लगभग हमेशा मां को बच्चे की कानूनी कस्टडी दी जाती रही है। लेकिन, अब इसमें बदलाव किया गया है। 

तलाकशुदा माता-पिता के पास होगी च्वाइस 

मां के पास बच्चे की कानूनी कस्टडी के नियम को इसके समर्थक घरेलू हिंसा और बाल दुर्व्यवहार के खिलाफ सुरक्षा के रूप में देखते रहे हैं। लेकिन, ऐसे में चिंता इस बात की रहती है कि पिता और उनके बच्चे के बीच संपर्क टूट सकता है। ऐसे में यह नया संशोधन तलाकशुदा माता-पिता को बच्चे की दोहरी या एकल कस्टडी चुनने की अनुमति देगा। ऐसे में बच्चों के अधिकारों, सरक्षा और भलाई को सुनिश्चित करना सहज होगा। 

जापान में बढ़े हैं तलाक के मामले 

जापान में यह नया संशोधन ऐसे वक्त आया है जब यहां तलाक के मामले बढ़े हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अब तलाकशुदा पिता भी अपने बच्चे की कस्टडी लेकर उचित देखभाल का दायित्व निर्वाह कर सकते है। संशोधन में माता-पिता बच्चे के पालन-पोषण की लागत को साझा कर सकेंगे। वर्तमान में अधिकांश तलाकशुदा माताएं, जो अक्सर कम आय वाली होती हैं, उन्हें अपने पूर्व पतियों से वित्तीय सहायता नहीं मिलती है।

तलाकशुदा माता-पिता दोनों को मिलेगी अनुमति 

संशोधन के अनुसार, ऐसे मामलों में जिनमें माता-पिता में से किसी एक की तरफ से घरेलू हिंसा या दुर्व्यवहार का संदेह है तो ऐसे में दूसरे व्यक्ति के पास बच्चे की कस्टडी होगी। संयुक्त अभिरक्षा के समर्थकों का कहना है कि यह तलाकशुदा माता-पिता दोनों को बच्चे के पालन-पोषण में भूमिका निभाने की अनुमति देता है। 

मानना होगा कोर्ट का फैसला 

संशोधन के तहत, संयुक्त हिरासत का चयन करने वाले तलाकशुदा माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा, चिकित्सा और अन्य प्रमुख मुद्दों पर आम सहमति बनानी होगी। यदि कोई समझौता नहीं हो पाता है तो उन्हें पारिवारिक अदालत के फैसले को मानना होगा। माता-पिता में से कोई भी अपने बच्चों की दैनिक गतिविधियों, जैसे पढ़ाई, भोजन या अन्य बातों को लेकर निर्णय ले सकता है। संशोधन के प्रभावी होने के पांच साल बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। 

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