गाजा में सहायता मिलने के इंतजार में 104 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है। गाजा के अधिकारियों की ओर से यह दावा किया गया है। वहीं मौत के पीछे इजरायली सेना ने हैरान कर देने वाला वाकया बताया है। आइडीएफ का कहना है कि फिलिस्तीनियों की मौत "भीड़भाड़ और रौंदने" के परिणामस्वरूप हुई। आईडीएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उत्तरी गाजा पट्टी में मानवीय सहायता ला रहे ट्रकों के आसपास फिलिस्तीनियों के हवाई फुटेज भी जारी किया है। इज़रायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि कई मृतकों को ट्रकों ने ही कुचल दिया था।
समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से प्रवक्ता एवी हाइमन ने कहा, "लूटने की कोशिश कर रहे लोगों ने सहायता ट्रकों को कुचल दिया और ड्राइवर लोगों की भीड़ में घुस गए, जिससे अंततः दसियों लोगों की मौत हो गई।" वहीं रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि गाजा के पास सहायता की प्रतीक्षा कर रहे लोगों को इजरायली गोलीबारी में निशाना बनाए जाने से 104 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और 280 अन्य घायल हो गए। एक अस्पताल ने दर्जनों घायल मरीजों के साथ 10 शवों को प्राप्त करने का उल्लेख किया।
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने की नरसंहार की निंदा
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के कार्यालय ने नबुलसी चौराहे पर सहायता ट्रकों का इंतजार कर रहे नागरिकों के खिलाफ इसे इजरायली सेना द्वारा किए गए "भयानक नरसंहार" के रूप में व्यक्ता किया गया। साथ ही इसकी निंदा की। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किदरा के अनुसार, यह घटना एन्क्लेव के उत्तरी क्षेत्र में गाजा के पश्चिम में स्थित अल-नबुसी चौराहे पर हुई। इजरायली रिपोर्टों के मुताबिक, गाजा में संघर्ष तब शुरू हुआ जब 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के आतंकवादियों ने घुसपैठ कर इजरायल पर हमला किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 253 लोगों को बंधक बना लिया गया था। गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों की रिपोर्ट है कि तब से इस क्षेत्र में लगभग 30,000 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि हजारों लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
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