सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने ईरान की परमाणु बम बनाने की अफवाहों के बीच उसे खुली चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर ईरान परमाणु बम हासिल कर लेता है तो खाड़ी देश भी अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठाएंगे। परमाणु समझौते को लेकर अमेरिका और ईरान के बीच अप्रत्यक्ष रूस से बातचीत जारी थी, जो अब रुक गई है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2018 में अमेरिका को इस समझौते से बाहर कर दिया था। ठीक उसी समय संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी के प्रमुख ने ईरान के परमाणु संवर्धन क्षमता में इजाफे को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
प्रिंस फैसल बिन फरहान ने रविवार को अबू धाबी में आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में कहा, "अगर ईरान पूरी तरह से विकसित परमाणु बम हासिल कर लेता है, तो सभी रास्ते बंद हो जाएंगे।" उन्होंने कहा कि हम इस इलाके में काफी खतरनाक वातावरण में हैं। आप ये उम्मीद कर सकते हैं कि क्षेत्रीय राष्ट्र देखेंगे कि वह कैसे अपनी रक्षा कर सकते हैं। पश्चिमी देशों की ईरान से बातचीत बंद हो गई है। उनका आरोप है कि ईरान बेकार की मांगे कर रहा है। पश्चिमी देशों का ये भी कहना है कि ईरान देश में हिजाब के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों से ध्यान भटकाना चाहता है।
परमाणु कार्यक्रम पर संदेह जताता है सऊदी अरब
सऊदी अरब हमेशा से ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर संदेह जताता रहा है। प्रिंस फैसल ने कहा कि वह एक शर्त पर परमाणु वर्ता के बहाल होने का समर्थन करते हैं कि वह शुरुआती पॉइंट से शुरू हो न कि आखिरी पॉइंट से, ताकि तेहरान के साथ एक मजबूत समझौता किया जा सके। खाड़ी देशों ने ईरान के मिसाइल, ड्रोन कार्यक्रम और क्षेत्रीय प्रॉक्सी चरमपंथी समूहों के नेटवर्क की चुनौती से निपटने के लिए एक मजबूत समझौते पर जोर दिया है। वह हूती विद्रोहियों का जिक्र कर रहे हैं, जिन्हें ईरान का समर्थन प्राप्त है।
सऊदी अरब ने कही अधिक आश्वसान दिए जाने की बात
प्रिंस ने कहा, 'दुर्भाग्य से संकेत बहुत सकारात्मक नहीं हैं। हम सुन रहे हैं कि ईरान की परमाणु हथियार कार्यक्रम में कोई दिलचस्पी नहीं है लेकिन हमें और अधिक आश्वासन की आवश्यकता है। वहीं ईरान ने हमेशा दावा किया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम असैन्य उद्देश्यों के लिए है। साथ ही यूएई की ओर से भी यह मांग की गई है कि ईरान और रूस के बीच हथियारों के सौदे को देखते हुए पूरे परमाणु समझौते पर पुनर्विचार किया जाए।
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