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ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर सामने आई बड़ी जानकारी, परेशान हैं अमेरिका और उसके सहयोगी देश

ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और उसके प्रमुख यूरोपीय सहयोगियों ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। अमेरिका ने कहा है कि वह ईरान को परमाणु-सशस्त्र बनाने से रोकने के लिए सभी साधनों का उपयोग करने के लिए तैयार है।

Iran nuclear program- India TV Hindi Image Source : FILE REUTERS Iran nuclear program

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में अमेरिका और उसके प्रमुख यूरोपीय सहयोगियों ने तेहरान के बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान और रूस का विरोध किया है। अमेरिका ने "ईरान को परमाणु हथियार संपन्न होने से रोकने के लिए सभी आवश्यक साधनों का उपयोग करने" का संकल्प जताया। अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने ईरान पर आरोप लगाया कि वह अपनी परमाणु गतिविधियों को निरंतर आगे बढ़ा रहा है साथ ही संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था, अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ सहयोग करने में विफल रहा है। ईरान और रूस ने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया है। दोनों देशों ने जोर देकर कहा कि तेहरान का परमाणु कार्यक्रम अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (आईएईए) की निरंतर निगरानी में है। 

किस-किस के बीच है टकराव 

यह टकराव ईरान और छह प्रमुख देशों - अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी - के बीच परमाणु समझौते के कार्यान्वयन पर अर्ध-वार्षिक बैठक के दौरान हुआ, जिसे संयुक्त व्यापक कार्य योजना के रूप में जाना जाता है। समझौते के तहत तेहरान ने आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए आवश्यक स्तर तक यूरेनियम संवर्धन को सीमित करने पर सहमति व्यक्त की थी। वर्ष 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को समझौते से यह कहते हुए अलग कर लिया था कि वह और कड़ा समझौता करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

क्या है ईरान की स्थिति 

परिषद की बैठक मई के अंत में आईएईए की रिपोर्ट के बाद हुई जिसमें कहा गया था कि ईरान के पास 60 प्रतिशत शुद्धता तक संवर्धित 142 किलोग्राम (313 पाउंड) से अधिक यूरेनियम है, जो 90 प्रतिशत के हथियार-ग्रेड स्तर बनाने में बेहद मददगार है। आईएईए ने कहा कि यह फरवरी से 20 किलोग्राम (45 पाउंड) से अधिक की वृद्धि थी। आईएईए ने 13 जून को यह भी बताया कि उसके निरीक्षकों ने सत्यापित किया है कि ईरान ने यूरेनियम को अधिक तेजी से संवर्धित करने वाले उन्नत सेंट्रीफ्यूज के नए कैस्केड शुरू किए हैं और उसकी योजना इसे अधिक तेजी से आगे बढ़ाने की है। 

अमेरिका क्या चाहता है 

अमेरिकी उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने परिषद को बताया कि आईएईए की रिपोर्ट "दिखाती है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को ऐसे तरीकों से विस्तारित करने के लिए दृढ़ है, जिनका कोई विश्वसनीय असैन्य उद्देश्य नहीं है।" वुड ने कहा कि अमेरिका ईरान को परमाणु-सशस्त्र बनाने से रोकने के लिए सभी साधनों का उपयोग करने के लिए तैयार है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि उनका देश "कूटनीति के माध्यम से ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय चिंताओं को हल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।" 

इन तीन देशों ने जारी किया संयुक्त बयान

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) में अब तक मौजूद तीन पश्चिमी देशों - फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन - ने परिषद की बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि कूटनीतिक प्रयासों के लिए भी दरवाजा खुला है "ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार विकसित ना करे।" उन्होंने कहा कि ईरान के पास अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम का भंडार अब जेसीपीओए द्वारा तय की गई सीमा से 30 गुना अधिक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईरान ने जेसीपीओए के तहत संवर्धन के लिए कोई सेंट्रीफ्यूज स्थापित या संचालित नहीं करने की प्रतिबद्धता जताई है। (एपी) 

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