ईरान के नए राष्ट्रपति ने अमेरिका को दिया डायरेक्ट ट्रेलर, कहा-"दबाव में नहीं आएगा हमारा देश"
ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेश्कियन ने अमेरिका को पहली बार कड़ी चेतावनी के अंदाज में बड़ा ट्रेलर दिया है। पेजेश्कियन ने अमेरिका को ललकारने के अंदाज में कहा कि हमारी सरकार देशहित के मद्देनजर सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों को लेकर चलेगी। मगर हम किसी के दबाव में नहीं आएंगे।
तेहरानः ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने पहली बार अमेरिका को खुला ट्रेलर दे दिया है। डॉ. पेजेशकियन ने अमेरिका से चेतावनी भरे लहजे में कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय हितों और शांति की पूर्व शर्त के अनुरूप सभी देशों के साथ संतुलित संबंध स्थापित करेगी, लेकिन अमेरिका पर जोर देते हुए कहा कि उनका देश दबाव में नहीं आएगा। मसूद पेजेश्कियन ने शुक्रवार देर रात देश के सरकारी अखबार ‘तेहरान टाइम्स’ में ‘नयी दुनिया के लिए मेरा संदेश’ शीर्षक से लिखा जिसमें नवीनतम राष्ट्रपति चुनाव की प्रशंसा की गई है जिसने ‘उल्लेखनीय स्थिरता का प्रदर्शन किया।’ इसमें उन्होंने लिखा कि वह चुनाव प्रचार के दौरान किये गय वादों को बरकरार रखने का संकल्प लेते हैं।
ईरान के 69 वर्षीय हार्ट सर्जन और लंबे समय तक सांसद रहे पेजेश्कियन ने पांच जुलाई के चुनाव में कट्टरपंथी पूर्व परमाणु वार्ताकार सईद जलीली को हराकर राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की जगह ली। रईसी का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि उनका प्रशासन पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने को प्राथमिकता देगा। उन्होंने अरब देशों से गाजा पट्टी में सात अक्टूबर से शुरू हुए इजराइल-हमास युद्ध में स्थायी संघर्ष विराम के लिए ‘सभी राजनयिक सहूलियत’ का उपयोग करने का आग्रह किया। ईरान ने लंबे समय से आतंकवादी समूह हमास का समर्थन किया है और पेजेश्कियन ने बुधवार को समूह के प्रमुख इस्माइल हनियेह को एक संदेश में ‘फलस्तीनी प्रतिरोध’ के प्रति अपना पूरा समर्थन व्यक्त किया था।
पेजेश्कियन ने चीन के साथ संबंधों को सराहा
पेजेश्कियन ने शुक्रवार को लिखे पत्र में रूस और चीन के साथ अपने देश के संबंधों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मॉस्को ‘एक मूल्यवान रणनीतिक सहयोगी’ है और उनकी सरकार द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करेगी। उन्होंने युद्ध के तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुके रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने के उद्देश्य से की गई ‘पहल का समर्थन करने’ की इच्छा भी व्यक्त की। उन्होंने अमेरिका का जिक्र करते हुए अपने देश के दबाव में नहीं आने को रेखांकित किया और कहा कि ईरान ‘‘सद इच्छा से 2015 में ‘ज्वाइंट कंप्रेहेंशिव प्लान ऑफ एक्शन’ (जेसीपीओए) में शामिल हुआ और हमारे दायित्वों को पूरी तरह से पूरा किया।’’
अमेरिका के चलते ईरान को हुआ सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान
पेजेश्कियन ने कहा कि अमेरिका के पीछे हटने से उनके देश की अर्थव्यवस्था को सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान हुआ और प्रतिबंधों के कारण ईरानी लोगों को, विशेष रूप से कोविड महामारी के दौरान, अकथनीय पीड़ा, मृत्यु और विनाश से जूझना पड़ा। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों ने न केवल क्षेत्र और दुनिया में तनाव को कम करने और प्रबंधित करने का एक ऐतिहासिक अवसर गंवा दिया, बल्कि परमाणु अप्रसार संधि को भी गंभीर रूप से कमजोर कर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईरान के रक्षा सिद्धांत में परमाणु हथियार शामिल नहीं हैं। पेजेश्कियन ने अपने खुले पत्र में अमेरिकी प्रशासन पर आरोप लगाया कि उसने ईरान की सैन्य गतिविधियों के वास्तुकार जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या करके ‘शत्रुता’ बढ़ाने का काम किया। सुलेमानी की 2020 में पड़ोसी इराक में अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी। (एपी)
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