Iran America Fight: ईरान ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत से कहा कि बमबारी के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए वाशिंगटन द्वारा ईरान के बैंक खातों से लगभग दो अरब डॉलर की संपत्ति जब्त करना ईरान सरकार को अस्थिर करने का प्रयास और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन था। ईरान ने 2016 में तब अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा दायर किया था जब अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने फैसला किया था कि ईरान के केंद्रीय बैंक में रखे गए धन का इस्तेमाल लेबनान में एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर 1983 में हुई बमबारी में मारे गए 241 लोगों के परिजनों को मुआवजे के लिए किया जा सकता है। इस बमबारी से ईरान का संबंध माना जाता है।
मामले में दांव पर 1.75 अरब डॉलर के बांड हैं, साथ ही संचित ब्याज, जो ईरान से संबंधित है लेकिन न्यूयॉर्क में सिटी बैंक खाते में रखा है। वर्ष 1983 में, सैन्य-श्रेणी के विस्फोटकों से भरे ट्रक से एक आत्मघाती हमलावर ने बेरूत में अमेरिका की मरीन बैरक पर हमला किया था जिसमें 241 अमेरिकी सैनिक और 58 फ्रांसीसी सैनिक मारे गए थे। ईरान जहां इसमें शामिल होने से इनकार करता रहा है, वहीं एक अमेरिकी जिला न्यायालय के न्यायाधीश ने 2003 में इसके लिए तेहरान को जिम्मेदार ठहराया था। तेहरान के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनी मामलों के प्रमुख तवाकोल हबीबज़ादेह ने सोमवार को 14-न्यायाधीशों के पैनल से कहा, 'संधि द्वारा गारंटीकृत नौवहन और वाणिज्य की स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन किया गया है।'
मुकदमेबाजी का जाल बनाने का आरोप
हबीबजादेह ने कहा कि अमेरिका ने ईरानी शासन को कमजोर करने के प्रयास में तेहरान और इसकी कंपनियों के खिलाफ मुकदमेबाजी का जाल बनाया है और ईरान तथा ईरान सरकार को कमजोर करने के उद्देश्य से संपत्ति की जब्ती सिर्फ एक पैंतरेबाजी थी। सुनवाई ऐसे समय हुई जब ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी सोमवार को न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुए, जहां वह इस सप्ताह के अंत में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे।
इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा था कि उनकी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर न्यूयॉर्क में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलने की कोई योजना नहीं है। रईसी ने सोमवार को न्यूयॉर्क के लिए रवाना होने से पहले तेहरान हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘अमेरिकी नेताओं से मिलने या बातचीत करने की कोई योजना नहीं है। हमारी उनसे मिलने की कोई योजना नहीं है।’ ईरान के राष्ट्रपति संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूनएनजीए) को इस सप्ताह संबोधित भी करेंगे। वह धर्मों पर महासभा और यूनेस्को की बैठक दोनों को संबोधित करेंगे।
विदेश मंत्री और वार्ताकार के साथ आए रायसी
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अपनी उपस्थिति को दुनिया को उस कथित ‘दुर्भावना’ के बारे में बताने का एक अवसर बताया, जिसे अनिर्दिष्ट राष्ट्र और विश्व शक्तियां ईरान के खिलाफ फैला रही हैं। हालांकि उन्होंने इस संबंध में कोई विस्तृत टिप्पणी नहीं की। राष्ट्रपति रईसी विदेश मंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन और परमाणु समझौते पर वार्ताकार अली बघेरी कानी के साथ न्यूयॉर्क रवाना हुए। ईरान और अन्य विश्व शक्तियों के बीच 2015 परमाणु समझौते पर बातचीत लंबे समय से बाधित है। इससे अमेरिका 2018 में बाहर हो गया था। अब बाइडेन सरकार दोबारा इस समझौते को बहाल करना चाहती है।
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