भारत और वियतनाम के बीच निवेश और व्यापारिक साझेदारी लगातार बढ़ रही है। दोनों देशों की दोस्ती अब रिश्तों में तरक्की के नए आयाम गढ़ रही है। इससे दोनों ही देशों के विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने के भी आसार हैं। भारत और वियतनाम ने स्थिर वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है और दोनों देशों के बीच निवेश एवं व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। वियतनाम में भारत के राजदूत संदीप आर्य ने यह बात कही है।
आर्य ने यहां आयोजित पूर्वात्तर भारत महोत्सव (एनईआईएफ) में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भारत और वियतनाम तेजी से वृद्धि की राह पर आगे बढ़ रहे हैं, इसलिए दोनों देश के बीच द्विपक्षीय व्यापार तथा निवेश बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे, विनिर्माण व संपर्क पर जोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच व्यापार में लगातार वृद्धि देखी गई है और कुल व्यापार 15 अरब डॉलर का है। इसमें से भारत करीब सात अरब डॉलर और वियतनाम करीब आठ अरब डॉलर का निर्यात करता है।
10 वर्षों में 8 गुना बढ़ा FDI
आर्य ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) भी करीब आठ गुना हो गया है, जबकि दोनों देशों के बीच इस दौरान घरेलू उद्यमों की निर्यात वृद्धि तीन गुना रही। राजदूत ने कहा, ‘‘ दोनों देशों के बीच व्यापार व निवेश में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं और यह खासकर पूर्वोत्तर राज्यों के लिए प्रासंगिक है।’’ उन्होंने कहा कि वियतनाम और पूर्वोत्तर भारत के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक नागर विमानन संपर्क है। आसियान व्यवस्था के तहत कई हवाई अड्डे आते हैं और इससे वियतनाम तथा पूर्वोत्तर भारत के बीच हवाई संपर्क बहुत मजबूत हुआ है। (भाषा)
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