दिल्ली: जिबूती से लेकर अदन की खाड़ी तक और सोमालिया के पूर्वी तट तक अब भारतीय नौसेना के जांबांजों की पैनी नजर होगी। इन इलाकों में अब समुद्री लुटेरों और आतंकियों की शामत आने वाली है। देश के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर मालवाहक जहाजों के संरक्षण के लिए भारतीय नौसेना की इकाइयों को जिबूती, अदन की खाड़ी, सोमालिया के पूर्वी तट के साथ ही उत्तर और मध्य अरब सागर में तैनात किया जा रहा है। जाहिर है कि अगर किसी ने जरा भी गुस्ताखी की तो भारतीय नौसेना प्रलय मचाने के लिए तैयार होगी।
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि नौसेना ने अदन की खाड़ी और अफ्रीका के पूर्वी तटीय क्षेत्र में जलदस्यु रोधी गश्ती के लिए 2008 से अपनी इकाइयों को तैनात किया था और कुल 3,440 जहाजों और 25 हजार से अधिक नाविकों को सुरक्षा प्रदान की गई। लाल सागर में नवंबर महीने से ईरान समर्थित हूती उग्रवादियों द्वारा अनेक मालवाहक जहाजों पर हमलों को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं।
मालवाहक जहाजों पर हो रहे लगातार हमले
लालसागर, अरब सागर और अदन की खाड़ी में मालवाहक जहाजों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। इन घटनाओं को रोकने के लिए भारत ने ये फैसला लिया है। माना जाता है कि गाजा में इजराइल के सैन्य हमलों के जवाब में मालवाहक जहाजों पर हमले किए जा रहे हैं। रक्षा राज्य मंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि नौसेना हमलों में शामिल सूत्रों और भागीदारों की पहचान करने के लिए मित्र देशों के साथ सूचना साझा कर रही है। भारतीय नौसेना ने पिछले कुछ सप्ताह के दौरान अरब सागर में अनेक मालवाहक पोतों पर हमलों के बाद उन्हें सहायता प्रदान की है। भट्ट ने कहा कि नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय और क्षेत्र से परे नौसेनाओं तथा समुद्री बलों के साथ सक्रियता से काम कर रही है। (भाषा)
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