India-Egypt Relationship: भारत का दुनिया के अधिकांश देशों के साथ मित्रवत संबंध जगजाहिर है। इसी दिशा में भारत ने मिस्र देश के साथ रक्षा सहयोग कि दिशा में एक नए युग की शुरुआत की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिस्र के रक्षा मंत्री जनरल मोहम्मद जकी के साथ दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोगों को लेकर व्यापक चर्चा की। साथ ही भारत और मिस्र ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। रक्षामंत्री रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अरब देश के तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को यहां पहुंचे।
मिस्र के रक्षा मंत्री जनरल मोहम्मद जकी के साथ काहिरा में उनकी शानदार मुलाकात हुई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और विस्तारित करने के लिए कई पहल पर हमने व्यापक चर्चा की। इससे भारत और मिस्र के संबंध और प्रगाढ़ होंगे। रक्षा मंत्रालय ने बैठक के बाद एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने रक्षा संबंधों को मजबूत करने के कदमों पर चर्चा की और संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण के लिए कर्मियों के आदान-प्रदान, विशेष रूप से आतंकवाद विरोधी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के संबंध में आम सहमति पर पहुंचे। दोनों मंत्री समयबद्ध तरीके से भारत और मिस्र के रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग बढ़ाने के प्रस्तावों की पहचान करने पर भी राजी हुए। उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया तथा दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए भारत और मिस्र के योगदान को स्वीकार किया।
आतंकवाद के खिलाफ दोनों देश एकजुट
भारतीय रक्षामंत्रालय के बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने कोविड-19 महामारी के बावजूद पिछले वर्ष की तुलना में गहन रक्षा जुड़ाव और आदान-प्रदान पर खुशी व्यक्त की। दोनों मंत्री सुरक्षा और रक्षा पहलुओं समेत द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और इसे आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने को लेकर सहमत हुए। बयान में कहा गया है कि दोनों रक्षा मंत्रियों ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिये समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। यह समझौता-ज्ञापन आपसी हितों के सभी क्षेत्रों में रक्षा सहयोग बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। द्विपक्षीय वार्ता शुरू होने से पहले सिंह को काहिरा में रक्षा मंत्रालय में रस्मी सलामी गारद पेश किया गया। राजनाथ सिंह ने सोमवार को मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी से भी मुलाकात की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सैन्य सहयोग पर चर्चा की। सीसी ने कहा कि आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने के लिए दोनों देशों को विशेषज्ञता और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की आवश्यकता है।
सामरिक दृष्टि से मिस्र का सहयोग महत्वपूर्ण
सामरिक दृष्टि से मिस्र का साथ मिलना भारत के लिए काफी अच्छा है। क्योंकि यह अरब देश में आता है। इससे भारत की पहुंच अरब के अन्य देशों में भी और अधिक मजबूत होगी। साथ ही द्विपक्षीय व्यापार और सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। पीएम मोदी दुनिया के पूर्व और पश्चिम के सभी देशों से बेहतर संबंध रखने के लिए जाने जाते हैं।
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