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अंतरिक्ष में चंद्रमा या मंगल ग्रह पर किसी की मौत हो जाए तो मृत शरीर का क्या होगा, यहां पढ़ें हैरतअंगेज जानकारी

शायद यह सवाल आपके मन में कभी आया ही न हो कि यदि किसी की मौत अंतरिक्ष मिशन के दौरान पृथ्वी की कक्षा, चंद्रमा या मंगल ग्रह पर हो जाती है तो उसके मृत शरीर का क्या किया जा सकता है। 21वीं सदी में दुनिया तेजी से चंद्रमा, मंगल और अंतरिक्ष मिशन पर जा रही है। ऐसे में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा अहम मुद्दा है।

अंतरिक्ष।- India TV Hindi Image Source : AP अंतरिक्ष।

क्या आपने कभी सोचा है कि स्पेस मिशन के दौरान यदि किसी अंतरिक्ष यात्री की चंद्रमा, मंगल ग्रह या अंतरिक्ष की कक्षा में ही मौत हो जाए तो उसके मृत शरीर का क्या होगा?...क्या मृत शरीर को वहीं नष्ट किया जा सकता है या फिर उसे धरती पर वापस लाया जा सकता है?...या फिर मृत शरीर साथ में गए दूसरे अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भी मुश्किल का सबब बन सकती है?...अगर मानव शरीर को अंतरिक्ष की कक्षा, चंद्रमा या मंगल ग्रह पर नष्ट किया जा सकता है तो उसका उपाय क्या है और ऐसा नहीं हो सकता तो उसका क्या होगा?... आइए आपको यह हैरतअंगेज जानकारी बताते हैं।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि मानव को अंतरिक्ष में भेजना असाधारण रूप से कठिन और खतरनाक काम है। मानव अंतरिक्ष अन्वेषण 60 साल पहले शुरू हुआ था, इसमें अब तक 20 लोग मारे गए हैं। वर्ष 1986 और 2003 के बीच नासा अंतरिक्ष शटल त्रासदी में 14 अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हुई, 1971 के सोयुज 11 मिशन के दौरान तीन अंतरिक्ष यात्री और 1967 में अपोलो एक लॉन्च पैड की आग में तीन अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हुई। यह देखते हुए कि मानव अंतरिक्ष उड़ान कितनी जटिल है, यह वास्तव में उल्लेखनीय है कि अब तक इसमें बहुत कम लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

मगर नासा की योजना 2025 में चंद्रमा पर एक दल और अगले दशक में मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की है। वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान नियमित होती जा रही है। जैसे-जैसे अंतरिक्ष यात्रा आम होती जा रही है, वैसे-वैसे यह संभावना भी बढ़ती जा रही है कि रास्ते में किसी की मृत्यु हो सकती है। इससे मन में एक निराशाजनक लेकिन आवश्यक प्रश्न उठता है: यदि कोई अंतरिक्ष में मर जाता है - तो शरीर का क्या होता है?

अंतरिक्ष यात्रियों को कैसे रखा जाता है स्वस्थ

चंद्रमा और मंगल ग्रह पर मौत होने की स्थिति में एक अंतरिक्ष चिकित्सा चिकित्सक साथ होता है। वह अंतरिक्ष यात्रियों को स्वस्थ रखने के नए तरीके खोजने के लिए काम करता है, वैज्ञानिक ट्रांसलेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस हेल्थ में टीम यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अंतरिक्ष खोजकर्ता उतने ही स्वस्थ हों जितना वे अंतरिक्ष मिशनों के लिए हो सकते हैं। मगर सवाल यही है कि यदि अंतरिक्ष में किसी की मौत हो जाए तो उससे कैसे निपटा जाएगा। इसके कई पहलू हैं।

Image Source : APचंद्रमा।

पृथ्वी कि निचली कक्षा और चंद्रमा पर मौत होने पर हैं ये उपाय

यदि किसी अंतरिक्ष यात्री की मौत निचले-पृथ्वी-कक्षा मिशन पर हो जाती है - जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर - तो चालक दल कुछ घंटों के भीतर एक कैप्सूल में शरीर को पृथ्वी पर वापस ला सकता है। यदि यह हादसा चंद्रमा पर हुआ है तो दल कुछ ही दिनों में शव के साथ पृथ्वी पर वापस लौट सकता है। नासा के पास ऐसे हालात के लिए पहले से ही विस्तृत प्रोटोकॉल मौजूद हैं। उस त्वरित वापसी के कारण, यह संभावना है कि शरीर का संरक्षण नासा की प्रमुख चिंता नहीं होगी; इसके बजाय, नंबर एक प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना होगी कि शेष दल सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आए।

मंगल ग्रह पर मौत होने पर करना होगा ये काम

यदि किसी अंतरिक्ष यात्री की मौत पृथ्वी की निचली कक्षा या चंद्रमा पर नहीं होकर मंगल ग्रह पर होती है तो यह काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। आप समझ सकते हैं कि अगर मंगल ग्रह की 30 करोड़ मील की यात्रा के दौरान किसी अंतरिक्ष यात्री की मौत हो जाए तो चीजें अलग होंगी। उस परिदृश्य में चालक दल संभवतः मुड़कर वापस नहीं जा पाएगा। इसके बजाय, मिशन के अंत में, जो कुछ साल बाद होगा, शव चालक दल के साथ पृथ्वी पर लौटने की संभावना है। इस बीच, चालक दल संभवतः शव को एक अलग कक्ष या विशेष बॉडी बैग में संरक्षित करेगा। अंतरिक्ष यान के अंदर स्थिर तापमान और आर्द्रता सैद्धांतिक रूप से शरीर को संरक्षित करने में मदद करेगी। लेकिन ये सभी परिदृश्य केवल तभी लागू होंगे जब किसी की मौत अंतरिक्ष स्टेशन या अंतरिक्ष यान जैसे दबाव वाले वातावरण में हुई हो।

Image Source : APमंगल ग्रह।

क्या मृत शरीर का अंतरिक्ष में हो सकता है दाह संस्कार

मान लीजिए कि अंतरिक्ष यात्री की मंगल की सतह पर उतरने के बाद मौत हो गई। तब वहां दाह संस्कार वांछनीय नहीं है; क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो दल के जीवित सदस्यों को अन्य उद्देश्यों के लिए चाहिए होती है। यहां दफनाना भी एक अच्छा विचार नहीं है। शरीर से बैक्टीरिया और अन्य जीव मंगल ग्रह की सतह को दूषित कर सकते हैं। इसके बजाय, चालक दल संभवतः शव को एक विशेष बॉडी बैग में तब तक सुरक्षित रखेगा, जब तक कि उसे पृथ्वी पर वापस नहीं लाया जा सके। इस बारे में अभी भी कई बातें अज्ञात हैं कि खोजकर्ता किसी की मौत से कैसे निपटेंगे। सवाल सिर्फ यह नहीं है कि शरीर के साथ क्या किया जाए। (द कन्वरसेशन)

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