Henley passport index 2023: हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2023 की नवीनत रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट के मामले में जापान की जगह ले ली है। सिंगापुर ने जापान से पहले पायदान का तमगा छीनते हुए उस पर अपना कदम जमा दिया है। सिंगापुर के पासपोर्ट से 192 वैश्विक गंतव्यों में वीज़ा-मुक्त प्रवेश किया जा सकता है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में सिंगापुर को दुनिया भर के 227 में से 192 यात्रा स्थलों तक वीज़ा-मुक्त पहुंच के साथ दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट के रूप में पेश किया है।
सिंगापुर के बाद तीन यूरोपीय देश जर्मनी, इटली और स्पेन 190 वीज़ा-मुक्त गंतव्यों के साथ एक स्थान आगे बढ़े हैं और संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे। वहीं जापान पिछले पांच साल में पहली बार शीर्ष स्थान से खिसक कर तीसरे पायदान पर आ गया है। दरअसल अब जापानी पासपोर्ट के साथ बिना वीजा के जिन गंतव्यों तक पहुंचा जा सकता है, उनकी संख्या घटकर 189 हो गई है।
अमेरिका 8 वें स्थान पर खिसका
लगभग एक दशक पहले रैंकिंग में शीर्ष पर रहने वाला अमेरिका भी इस बार हेनले पासपोर्ट इंडेक्स-2023 की रिपोर्ट के अनुसार दो स्थान फिसलकर आठवें पायदान पर आ गया है। अमेरिकी पासपोर्ट के साथ 184 गंतव्यों के लिए वीज़ा मुक्त यात्रा की जा सकती है। यह संयुक्त रूप से लिथुआनिया के समान है। क्योंकि इसके पासपोर्ट पर भी 184 गंतव्यों तक वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति है।
यूके की रैकिंग में आया उछाल
अमेरिका और जापान की रैंकिंग घटी है। वहीं दूसरी तरफ 188 वीज़ा-मुक्त देशों की पहुंच के साथ यूके दो पायदान ऊपर चढ़कर चौथे पर पहुंच गया है। वहीं तालिबानियों द्वारा शासित
अफ़ग़ानिस्तान रैंकिंग में सबसे निचले स्थान पर है। इसके पासपोर्ट धारक बिना वीज़ा के केवल 27 गंतव्यों की यात्रा कर सकते हैं। इराक 29 के स्कोर के साथ और सीरिया 30 के साथ दुनिया के तीन सबसे कमजोर पासपोर्ट की श्रेणी में हैं।
चीन, भारत और पाकिस्तान की स्थिति
हेनले की पासपोर्ट इंडेक्स रैंकिंग इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के डेटा को ट्रैक करती है। यह पद्धति वित्तीय सलाहकार आर्टन कैपिटल द्वारा प्रकाशित अन्य पासपोर्ट सूचकांकों से भिन्न है। हेनले की रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में भी उछाल आया है। भारत का स्थान 87 से अब 80 हो गया है। भारतीय पासपोर्ट धारक 57 गंतव्यों तक वीजामुक्त यात्रा कर सकते हैं। वहीं चीन की रैंकिं में भी जबदस्त सुधार आया है। पहले चीन का स्थान 80 वां था, लेकिन 2023 की रिपोर्ट में वह 68 वें पायदान पर आ गया है। जबकि पड़ोसी पाकिस्तान इस रैंकिंग में 100 वें स्थान पर है।
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