Global Hunger: वर्ष 2021 में विश्व में भुखमरी की स्थिति में इजाफा हुआ और लगभग 2.3 अरब लोगों को भोजन सामग्री जुटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ऐसा उस यूक्रेन युद्ध से पहले हुआ जिसने अनाज, उर्वरक और ऊर्जा की लागत में वृद्धि की है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में सामने आई। रिपोर्ट प्रकाशित करने वाली संयुक्त राष्ट्र की पांच एजेंसियों- संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन, विश्व खाद्य कार्यक्रम, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष, विश्व स्वास्थ्य संगठन और कृषि विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष- के प्रमुखों ने कहा, ‘‘विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति’’ 2021 के आंकड़ों के आधार पर एक गंभीर तस्वीर पेश करती है। इसमें कहा गया है कि आंकड़ों से ‘‘इसे लेकर कोई भी संदेह दूर हो जाना चाहिए कि दुनिया भुखमरी, खाद्य असुरक्षा और कुपोषण को समाप्त करने के अपने प्रयासों में पीछे जा रही है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सबसे हालिया उपलब्ध साक्ष्य बताते हैं कि दुनिया भर में स्वस्थ खुराक का खर्च उठाने में असमर्थ लोगों की संख्या 11.2 करोड़ बढ़कर लगभग 3.1 अरब हो गई, जो (कोविड-19) महामारी के दौरान उपभोक्ता खाद्य कीमतों में वृद्धि के प्रभावों को दर्शाती है।’’
यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुआ खाद्य संकट
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने चेतावनी दी कि 24 फरवरी को शुरू हुआ यूक्रेन में युद्ध ‘‘आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर रहा है और अनाज, उर्वरक और ऊर्जा की कीमतों को और प्रभावित कर रहा है।’’ इसके परिणामस्वरूप 2022 की पहली छमाही में अधिक मूल्य वृद्धि हुई है। साथ ही, उन्होंने कहा, तेजी से होने वाली और भीषण जलवायु से जुड़ी घटनाएं भी आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर रही हैं, खासकर कम आय वाले देशों में। यूक्रेन और रूस मिलकर दुनिया के गेहूं और जौ का लगभग एक तिहाई और सूरजमुखी के तेल का आधा उत्पादन करते थे। वहीं, रूस और उसका सहयोगी बेलारूस दुनिया में पोटाश के नंबर 2 और 3 उत्पादक हैं। पोटाश उर्वरक का एक प्रमुख घटक होता है।
2021 में भुखमरी में हुआ इजाफा
रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्र में भुखमरी की स्थिति में इजाफा हुआ, हालांकि 2019 से 2020 की तुलना में धीमी गति से। इसमें कहा गया, ‘‘2021 में, भुखमरी ने अफ्रीका में 27.8 करोड़, एशिया में 42.5 करोड़ और लातिन अमेरिका और कैरिबियाई क्षेत्रों में 5.65 अरब लोगों को प्रभावित किया।’’ संयुक्त राष्ट्र के विकास लक्ष्य 2030 तक अत्यधिक गरीबी और भुखमरी को समाप्त करने का आह्वान करते हैं, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुमानों से संकेत मिलता है कि दुनिया की 8 प्रतिशत आबादी - लगभग 67 करोड़ लोग - दशक के अंत में खाद्य सामग्री जुटाने में मुश्किल का सामना कर रहे होंगे। यह उतने ही लोग हैं जितने 2015 में तब थे, जब लक्ष्य अपनाए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य असुरक्षा में लैंगिक अंतर, जो कोविड-19 महामारी के दौरान बढ़ गया था, में 2020 से 2021 तक और भी बढ़ोतरी हुई है।
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