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ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को कोर्ट से बड़ा झटका, 8 वर्ष तक अब नहीं लड़ पाएंगे चुनाव

ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो को देश की सर्वोच्च अदालत ने बड़ा झटका दिया है। 7 जजों की पीठ ने 5-2 के फैसले से बोल्सोनारो पर 8 साल तक चुनाव लड़ पाने पर रोक लगा दिया है। बोल्सोनारो पर पद के दुरुपयोग का मामला सिद्ध हुआ है। अब वह 2030 तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

जायर बोल्सोनारो, ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति- India TV Hindi Image Source : AP जायर बोल्सोनारो, ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति

ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति रहे जायर बोल्सोनारो को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। 7 जजों की बेंच ने बोल्सानारो पर अगले 8 वर्षों तक के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब वर्ष 2030 तक बोल्सोनारो किसी भी चुनाव में भागीदारी नहीं कर पाएंगे। सात न्यायाधीशों वाले न्यायाधिकरण ने 5-2 से यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 68 वर्षीय बोल्सोनारो पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप सिद्ध होने पर यह निर्णय दिया है। अब वह 2026 में होने वाले राष्ट्रपति पद के लिए भी उम्मीदवारी नहीं कर सकेंगे।

न्यायाधीशों के एक पैनल ने शुक्रवार को निष्कर्ष निकाला कि पद पर रहते हुए पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया और देश की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रणाली पर निराधार संदेह व्यक्त किया। इस फैसले से बोल्सोनारो को 2030 तक चुनाव में भागीदारी करने से रोक दिया गया है। कोर्ट के इस फैसले से उनका राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ जाएगा और संभवत: उनके सत्ता हासिल करने का कोई भी मौका खत्म हो जाएगा।

देश की सर्वोच्च अदालत ने सुनाया फैसला

पूर्व राष्ट्रपति पर यह फैसला देश की सर्वोच्च चुनावी अदालत ने सुनाया है। इसमें बेंच के पांच न्यायाधीश इस बात पर सहमत हुए कि बोल्सोनारो ने अपने अभियान को बढ़ावा देने और वोट के बारे में संदेह पैदा करने के लिए सरकारी संचार चैनलों का उपयोग करके अपने अधिकार का दुरुपयोग किया था। वहीं 7 जजों वाली इस पीठ में दो जजों ने विरोध में मत दिया। साओ पाउलो में इंस्पर विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर कार्लोस मेलो ने कहा, यह निर्णय बोल्सोनारो के दोबारा राष्ट्रपति बनने की संभावनाओं को खत्म कर देगा और वह इसे जानते हैं। "इसके बाद, वह जेल से बाहर रहने की कोशिश करेंगे, अपनी राजनीतिक पूंजी बनाए रखने के लिए अपने कुछ सहयोगियों को चुनेंगे, लेकिन इसकी बहुत कम संभावना है कि वह कभी राष्ट्रपति पद पर लौटेंगे।

वर्ष 2022 से जुड़ा है मामला

बोल्सोनारो को जिस मामले में दोषी ठहराया गया है, वह 18 जुलाई, 2022 की बैठक पर केंद्रित था, जहां बोल्सोनारो ने विदेशी राजदूतों को यह बताने के लिए सरकारी कर्मचारियों, राज्य टेलीविजन चैनल और ब्रासीलिया में राष्ट्रपति महल का इस्तेमाल किया था कि देश की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रणाली में धांधली हुई थी। न्यायाधीश कारमेन लूसिया - जो कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश भी हैं - ने अपने निर्णायक वोट में बहुमत का गठन करते हुए कहा, "तथ्य निर्विवाद हैं।" कहा-“बैठक और यह तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा बुलाई गई थी। इसकी सामग्री उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इसकी सभी ने जांच की और इस बात से कभी इनकार नहीं किया गया कि ऐसा हुआ था।

फैसले को चुनौती देंगे बोल्सोनारो

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अलेक्जेंड्रे डी मोरेस ने भी कहा कि यह निर्णय घृणित दुष्प्रचार को बढ़ावा देने वाले "घृणास्पद, अलोकतांत्रिक भाषण की लपटों से पुनर्जन्म हुए लोकलुभावनवाद की अस्वीकृति का प्रतिनिधित्व करता है।" ऑनलाइन समाचार साइट G1 के अनुसार, मिनस गेरैस में पत्रकारों से बात करते हुए, बोल्सोनारो ने खेद व्यक्त किया कि मुकदमा अनुचित था और अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करने की कसम खाई। बता दें कि लूला डी सिल्वा ब्राजील के मौजूदा राष्ट्रपति हैं और बोल्सोनारो पिछले चुनाव में उनसे हार गए थे।

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