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Hindi News विदेश अन्य देश साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण, ऑस्ट्रेलिया में दिखा, जानिए किन-किन देशों में दिखाई देगा?

साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण, ऑस्ट्रेलिया में दिखा, जानिए किन-किन देशों में दिखाई देगा?

यह सूर्य ग्रहण कंबोडिया, चीन, मलेशिया, फिजी, जापान, थाईलैंड, अंटार्कटिका, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया, फिलीपींस, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, दक्षिण हिंद महासागर और इस क्षेत्र में पड़ने वाले द्वीपों व देशों में दिखाई देगा।

साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण, ऑस्ट्रेलिया में दिखा, जानिए किन किन देशों में दिखाई देगा?- India TV Hindi Image Source : FILE साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण, ऑस्ट्रेलिया में दिखा, जानिए किन किन देशों में दिखाई देगा?

Solar Eclipse: साल 2023 का पहला सूर्यग्रहण लग चुका है। यह सूर्यग्रहण ऑस्ट्रेलिया में दिखना प्रारंभ हो गया है।  यह सुदूर पूर्व के कई देशों में देखा जा सकेगा, लेकिन भारत में यह दिखाई नहीं देगा। यह सूर्य ग्रहण कंबोडिया, चीन, मलेशिया, फिजी, जापान, थाईलैंड, अंटार्कटिका, न्यूजीलैंड, इंडोनेशिया, फिलीपींस, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, दक्षिण हिंद महासागर और इस क्षेत्र में पड़ने वाले द्वीपों व देशों में दिखाई देगा।

क्या भारत में दिखेगा ग्रहण?

यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। लेकिन दक्षिण पूर्व एशियाई देशों व अंटार्कटिका सहित दक्षिण हिंद प्रशांत क्षेत्र में आने वाले कई देशों में यह दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो चुका है। ज्योतिष में ग्रहण को अशुभ घटनाओं में गिना जाता है। इस वजह से ग्रहण के दौरान शुभ कार्य और पूजा पाठ वर्जित होता है। चूंकि यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतककाल मान्य नहीं होगा।

कितनी देर दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?

20 अप्रैल 2023 को लगा साल का पहला सूर्यग्रहण यदि भारतीय समय के अनुसार देखा जाए तो सुबह 7.04 बजे से शुरू हो चुका है। यह दोपहर 12.29 बजे तक चलेगा। यानी कुल 5 घंटे 24 मिनट की अवधि रहेगी। 

जानिए यह सूर्यग्रहण क्यों है खास?

दरअसल सूर्यग्रहण तीन तरह के होते हैं। पूर्ण, आंशिक और वलयाकार। आज लगा सूर्यग्रहण कंकणाकृति सूर्यग्रहण है। इसे हाइब्रिड सूर्यग्रहण भी कहा जाता है। खगोल विज्ञान कहता है कि कंकणाकृति सूर्यग्रहण में सूर्य, आंशिक, कुंडलाकार और पूर्ण रूप से दिखाई देता है। हाइब्रिड सूर्यग्रहण में सूर्यग्रहण कुंडलाकार में शुरू होता है। फिर इसके बाद यह धीरे धीरे संपूर्ण सूर्यग्रहण में तब्दील हो जाता है। फिर वापस यह धीरे धीरे कुंडलाकार सूर्यग्रहण में बदल जाता है। 

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