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केन्या में स्कूल के छात्रावास में लगी भीषण आग, 17 छात्रों की मौत; 13 झुलसे

केन्या में दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां एक स्कूल के छात्रावास में भीषण आग लग गई। आग की चपेट में आने से 17 छात्रों की मौत हो गई है। आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है।

Kenya School Hostel Fire (प्रतीकात्मक तस्वीर)- India TV Hindi Image Source : FILE AP Kenya School Hostel Fire (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नैरोबी: केन्या में एक स्कूल के छात्रावास में आग लगने से 17 छात्रों की मौत हो गई और 13 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। पुलिस ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी है। पुलिस ने मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है। पुलिस प्रवक्ता रेसिला ओन्यांगो ने बताया कि न्येरी काउंटी के हिलसाइड एंडाराशा प्राइमरी में बृहस्पतिवार रात आग लगी और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह आग किस कारण से लगी। ओन्यांगो ने कहा, ‘‘हम कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं और आवश्यक कार्रवाई करेंगे।’’ 

 

तेजी से फैली आग

न्येरी काउंटी के आयुक्त पायस मुरुगु और शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि जिस छात्रावास में आग लगी थी, उसमें 150 से अधिक छात्र रहते थे। चूंकि इमारतें मुख्य रूप से लकड़ी के तख्तों से बनी हैं, इसलिए आग बहुत तेजी से फैली। देश के मध्यवर्ती पहाड़ी क्षेत्र में राजधानी नैरोबी से 200 किलोमीटर (125 मील) उत्तर में स्थित इस स्कूल में कुल 824 छात्र पढ़ते हैं। नैरोबी में लकड़ी की बनी संरचनाएं आम हैं। देश के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने इस खबर को ‘‘भयावह’’ बताया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं संबंधित प्राधिकारियों को इस भयावह घटना की गहन जांच करने का निर्देश देता हूं। जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।’’ 

 

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

केन्या के उपराष्ट्रपति रिगाथी गचागुआ ने स्कूल प्रशासकों से आग्रह किया कि वो यह सुनिश्चित करें कि आवासीय विद्यालयों के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा अनुशंसित सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन किया जाए। शिक्षा मंत्रालय की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, केन्याई आवासीय विद्यालयों में आग लगना आम बात है। यह आग अक्सर मादक द्रव्यों के इस्तेमाल और क्षमता से अधिक लोगों के रहने के कारण लगती हैं। इन विद्यालयों में बड़ी संख्या में छात्र रहते हैं क्योंकि माता-पिता का मानना ​​है कि इनमें रहने से उनके बच्चों का समय आने-जाने में व्यर्थ नहीं होता और उन्हें पढ़ाई के लिए अधिक समय मिल जाता है। राजधानी नैरोबी में 2017 में एक स्कूल में छात्रों द्वारा आग लगाने के कारण 10 छात्रों की मौत हो गई थी। स्कूल में आग लगने की सबसे घातक घटना 2001 में हुई थी जब माचकोस काउंटी में एक छात्रावास में आग लगने से 67 छात्रों की मौत हो गई थी। 

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