चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बृहस्पतिवार को एक क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान अफगानिस्तान का पुरजोर समर्थन किया, जबकि देश में तालिबान नेताओं द्वारा किये जा रहे मानवाधिकार हनन का कोई जिक्र नहीं किया। चीन के अनहुई प्रांत के टुंक्सी शहर में आयोजित सम्मेलन में शी ने अफगानिस्तान , चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधियों को दिये संदेश में बीजिंग के समर्थन की बात कही।
यह कदम पिछले अगस्त में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान मे चीन की प्रभावी भूमिका निभाने की आकांक्षा को प्रकट करता है। शी ने कहा, ''अफगानिस्तान के लोग शांतिपूर्ण, स्थिर, विकसित और समृद्ध अफगानिस्तान'' चाहते हैं, जिसके ''क्षेत्रीय देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ साझा हित हों।'' राष्ट्रपति ने कहा, ''चीन अफगानिस्तान की संप्रभुता, स्वतंत्रता व क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है और वह अफगानिस्तान के शांतिपूर्ण व स्थिर विकास का समर्थन करने के लिये प्रतिबद्ध है।'' शी ने इसका विवरण नहीं दिया, हालांकि चीन पहले ही अफगानिस्तान को आपातकालीन सहायता भेज चुका है और वहां तांबे के खनन के विकास पर जोर दे रहा है।'' सम्मेलन में अफगानिस्तान के लिये चीन, अमेरिका और रूस के विशेष दूतों के अलावा ''एक्सेटेंडेड ट्रोइका'' नामक समूह ने भी हिस्सा लिया।
हालांकि चीन ने अभी तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है, लेकिन वह तालिबान के साथ संबंध कायम करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले साल अगस्त में तालिबान के सत्ता में आने से पहले चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 28 जुलाई को चीन के तियानजिन शहर में तालिबान के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल की मेजबानी की थी। वांग ने तालिबान को अफगानिस्तान में शांति और पुनर्निर्माण के लिए महत्वपूर्ण ''महत्वपूर्ण'' ताकत करार दिया था।
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