खूनी हिंसा ने सूडान के लोगों की जिंदगी को नर्क बना दिया है। यहां मौतों का तांडव थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूडान में हिंसा की शुरुआत सैन्य तख्तापलट के बाद सेना और अर्धसैनिक बलों में हुए टकराव के बाद हुई थी। सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल एक दूसरे के खून के प्यासे हैं। कई इलाकों में अब भी जमकर झड़पें देखने को मिल रही हैं। इसके कई हिंसाग्रस्त इलाकों में जमकर गोलीबारी हुई है। इसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हुए हैं। सहायता समूह डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने यह जानकारी दी।
एक सहायता समूह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा कि हमला बृहस्पतिवार को ओमडुरमैन शहर के करारी इलाके में हुआ और मृतकों में बच्चे भी शामिल हैं। जनरल अब्देल फतह बुरहान के नेतृत्व वाली देश की सेना और जनरल मोहम्मद हामदेन डगालो के नेतृत्व वाले अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच अप्रैल के मध्य से तनाव खुले तौर पर संघर्ष में बदल गया। इसके बाद यह संघर्ष देश के कई हिस्सों में फैल गया, जिससे राजधानी खार्तूम और पड़ोसी ओमडुरमैन शहरी युद्धक्षेत्र में तब्दील हो गए। इस संघर्ष ने सूडान के पश्चिमी दारफुर इलाके में जातीय हिंसा को भी बढ़ावा दिया। सहायता समूह 'एमएसएफ' ने कहा कि बृहस्पतिवार को हुए हमले में घायल हुए लोगों का इलाज ओमडुरमैन के अल नाओ अस्पताल में किया जा रहा है।
समझौते के बाद भी नहीं बनी बात
सउदी अरब समेत कई खाड़ी देशों ने सूडान की सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच समझौते का प्रयास किया था। करीब 1 महीने तक थोड़ा शांति जरूर रही, लेकिन इसके बाद फिर हिंसा भड़क उठी। तब से लगातार हिंसा में आम नागरिक भी मारे जा रहे हैं। सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल एक दूसरे के आमने-सामने हैं।
(एपी)
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