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बड़ा खतरा! समंदर, नदियों, झील और तलाब में ऑक्सीजन तेजी से हो रहा है कम

पानी में ऑक्सीजन की कमी से इसमें रहनेवाले जीव तो प्रभावित होंगे ही साथ ही पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ेगा। जलवायु परिवर्तन और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन बढ़ने से हवा और पानी का तापमान औसत से ज्यादा बढ़ रहा है।

oxygen, water- India TV Hindi Image Source : FILE पानी में घट रहा ऑक्सीजन का स्तर

Earth Water Oxygen Decreasing: हाल के दिनों में धरती पर्यावरण से जुड़े बड़े खतरों से निरंतर जूझ रही है। पृथ्वी के जीवन रक्षा तंत्र पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। यह खतरा है समंदर, नदियों, झील और तलाब में घुलनशील ऑक्सीजन का तेजी से कम होना। धरती के पानी में तेजी से कम हो रहे ऑक्सीजन से जल में रहनेवालों जीवों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। यह शोध नेचर इकोलॉजी एंड एवॉल्यूशन जर्नल में पब्लिश हुआ है।

पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ेगा

इस रिसर्च के मुताबिक पानी में ऑक्सीजन की कमी से न केवल जलीय जीव प्रभावित होंगे बल्कि पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ेगा। जलवायु परिवर्तन और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन बढ़ने से हवा और पानी का तापमान औसत से ज्यादा बढ़ रहा है जिससे सतही पानी ऑक्सीजन को संभाल नहीं पा रहा है।

पानी में रहने वाले जीवों पर खतरा

इसके अलावा जितनी ऑक्सीजन जीव जंतुओं के इस्तेमाल पर खर्च होती है, उतनी पेड़ पौधे वापस नहीं बना पा रहे। इससे जल में रहने वाले जीवों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है।

इको सिस्टम बिगड़ जाएगा

इस रिसर्च में कहा गया है कि अरबों लोग भोजन और आमदनी के लिए समुद्र और मीठे पानी के स्रोत पर निर्भर हैं। ऐसे में अगर जलीय जीवों का जीवन संकट में पड़ता है तो असंतुलन की स्थिति पैदा हो जाएगी और पूरा इको सिस्टम बिगड़ जाएगा।वैज्ञानिकों की एक टीम का यह प्रस्ताव है कि जलीय डीऑक्सीजनेशन को ग्रहीय सीमों की लिस्ट में जोड़ा जाए। यह वह सीमा है जिसके अंदर मानवता आनेवाली पीढ़ियों के लिए विकसित हो सकती है और इसे पार करने के गंभीर रिजल्ट हो सकते हैं।

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