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Hindi News विदेश अन्य देश UK Election से पहले PM ऋषि सुनक ने पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ लंदन में किया स्वामीनारायण मंदिर में दर्शन, भगवान से मांगा विजय का आशीर्वाद

UK Election से पहले PM ऋषि सुनक ने पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ लंदन में किया स्वामीनारायण मंदिर में दर्शन, भगवान से मांगा विजय का आशीर्वाद

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक चुनाव प्रचार के दौरान अचानक लंदन स्थित स्वामी नारायण मंदिर पहुंचे तो उन्हें देखकर भक्तों और समर्थकों में उत्साह जाग गया। उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मंदिर में घुटने पर बैठकर माथा टेका और प्रभु का आशीर्वाद मांगा। ब्रिटेन में आगामी 4 जुलाई को संसदीय चुनाव होने हैं।

पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने किया लक्ष्मीनारायण स्वामी मंदिर में दर्शन-पूजन। - India TV Hindi Image Source : PTI पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने किया लक्ष्मीनारायण स्वामी मंदिर में दर्शन-पूजन।

लंदनः ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के आखिरी सप्ताहांत में लंदन स्थित प्रतिष्ठित बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस मंदिर को नेसडेन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति का काफिला शनिवार शाम को जब भव्य मंदिर के परिसर में पहुंचा तो वहां मौजूद लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद दोनों ने पुजारियों के मार्गदर्शन में पूजा-अर्चना की। साथ ही प्रभु से चुनाव में विजय का आशीर्वाद मांगा।

ऋषि सुनक खुद के हिंदू होने पर काफी गर्व करते हैं। वह भारतीय मूल के हैं और सभी भारतीय परंपराओं का अनुकरण करते हैं। वह होली, दिवाली, जन्माष्टमी जैसे त्यौहारों को धूमधाम से मनाता हैं और मंदिरों में पूजन-अर्चन करने अक्सर जाते रहते हैं। सुनक ने मंदिर में दर्शन करने के बाद स्वयंसेवकों तथा समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत की। क्रिकेट प्रशंसक सुनक ने अपने संबोधन की शुरुआत टी-20 विश्व कप में भारत की जीत के जिक्र से की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप सभी की तरह हिंदू हूं और मेरा धर्म मुझे प्रेरित करता है।’’

सुनक ने कही बड़ी बात

ऋषि सुनक ने कहा, ‘‘मुझे संसद सदस्य के रूप में ‘भगवद्गीता’ पर हाथ रखकर शपथ लेने पर गर्व है। हमारा धर्म सिखाता है कि हमें अपना कर्तव्य निभाना चाहिए और यदि हम इसे ईमानदारी से निभा रहे हैं तो हमें परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे प्रिय माता-पिता ने मुझे यही सिखाया है और मैं इसी तरह अपना जीवन जीता हूं। यही मैं अपनी बेटियों को सिखाना चाहता हूं। यह धर्म ही है जो सार्वजनिक सेवा के प्रति मेरे दृष्टिकोण में मेरा मार्गदर्शन करता है।  (भाषा) 

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