ऑस्ट्रेलिया और चीन अपने संबंधों को फिर से बेहतर बनाना चाहते हैं। मगर ऑस्ट्रेलिया इस एव्ज में अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को खराब नहीं करना चाहता। वहीं उसे यह भी ध्यान रखना है कि अमेरिका से ज्यादा लगाव के चक्कर में कहीं चीन उससे दूर न भागने लगे। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने अमेरिका और चीन दोनों को एक साथ साधने का काम किया है। एंथनी अल्बनीज ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात करने के लिए अमेरिका रवाना होने से कुछ घंटों पहले नवंबर की शुरुआत में चीन का दौरा करने की घोषणा कर दी। ताकि चीन उनकी इस यात्रा से खफा न हो। वहीं वह जो बाइडेन से द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। अल्बनीच की यह कूटनीति देखकर जो बाइडेन और शी जिनपिंग दोनों ही नेता चक्कर में पड़ गए हैं।
अल्बनीज के कार्यालय ने बताया कि चीन ऑस्ट्रेलियाई वाइन पर लगाए गए शुल्क की समीक्षा करने पर सहमत हो गया है। इन शुल्क के कारण 2020 के बाद से वाइन निर्माताओं के सबसे बड़े निर्यात बाजार के साथ व्यापार प्रभावी रूप से अवरुद्ध हो गया है। अल्बनीज चार नवंबर से सात नवंबर तक बीजिंग एवं शंघाई की यात्रा करेंगे और वह सात साल में चीन का दौरा करने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री बन जाएंगे।
चीन की यात्रा का ये है मकसद
नवंबर में वह यात्रा के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग से बीजिंग में मुलाकात करेंगे और इसके बाद शंघाई में ‘चीन अंतरराष्ट्रीय आयात प्रदर्शनी’ में शामिल होंगे। अल्बनीज ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं चीन की यात्रा करने के लिए उत्साहित हूं। यह एक स्थायी और लाभकारी संबंध स्थापित करने की दिशा में अहम कदम होगा।’’ उन्होंने कहा कि मजबूत कारोबार से दोनों देशों को लाभ होता है। अल्बनीज की अमेरिका की यात्रा 23 अक्टूबर को शुरू होगी। वह 26 अक्टूबर तक वहां रहेंगे। वह अपनी चीन यात्रा के बाद 15 नवंबर से 17 नवंबर तक सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग नेताओं के मंच में भाग लेने के लिए पुन: अमेरिका आएंगे। (एपी)
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