हमास से युद्ध के साथ ईरान से भी संघर्ष छिड़ जाने के बाद इजरायल ने भारतीय सेना के साथ मिलकर पूरी दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया है। इजरायल और भारत की सेना ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन करके विशेष रूप से चीन और ईरान को संकेतों ही संकेतों में बड़ा संदेश दे डाला है। बता दें कि इजरायल और ईरान से संघर्ष छिड़ने के बाद चीन खुलकर ईरान का साथ दे रहा है, लेकिन भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति और कूटनीति के चलते इजरायल और ईरान दोनों से शांतिपूर्ण समाधान खोजने की अपील और पहला करता रहा है। इसके बावजूद ईरान ने भारत का झुकाव इजरायल की ओर अधिक होना मानकर पाकिस्तान से दोस्ती कर ली। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने गत माह ही पुरानी दुश्मनी को भुलाकर पाकिस्तान की यात्रा की। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के साथ दोस्ती के नए ट्रैक पर चलने की शपथ ली।
एक तरह से ईरान ने भारत के दुश्मन से दोस्ती करके उसे विशेष संदेश देना का प्रयास किया था। इसके जवाब में अब भारत और इजरायल की सेना ने संयुक्त अभ्यास करके और अपनी दोस्ती को अत्यधिक प्रगाढ़ करके ईरान और चीन को उसी लहजे में शानदार जवाब देने का काम किया है। नई दिल्ली में बीते हफ्ते जब भारत और इजरायल के जवाब संयुक्त अभ्यास में अपना दमखम दिखाने उतरे तो दुनिया देखती रह गई। इससे पूरी दुनिया को भारत के न झुकने वाले इरादे भी देखने को मिले। साथ ही ईरान और चीन को भी यह संदेश गया कि पाकिस्तान-ईरान की दोस्ती से भारत किसी दबाव में नहीं आने वाला है। इसके साथ ही भारत ने चीन को भी यह संदेश दिया कि चीन कितना भी ईरान-पाकिस्तान की दोस्ती करा ले या मालदीव को भारत के खिलाफ भड़का ले, लेकिन इससे उसका कुछ बिगड़ने वाला नहीं है, क्योंकि दुनिया के ताकतवर देश खुद ही भारत से दोस्ती को बेताब हैं।
इजरायली दूतावास ने कही ये बात
इजरायली दूतावास ने बुधवार को कहा कि उसने भविष्य में सुरक्षा से जुड़े खतरों का मुकाबला करने के उद्देश्य से भारतीय सुरक्षा बलों के साथ मिलकर एक संयुक्त सुरक्षा अभ्यास किया। यह अभ्यास पिछले सप्ताह दिल्ली में आयोजित किया गया था। दूतावास ने कहा कि इस अभ्यास में दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और स्थानीय आपात सेवाओं सहित विभिन्न एजेंसियों की भागीदारी देखी गई। इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि संयुक्त सुरक्षा अभ्यास एक महत्वपूर्ण कवायद है। ‘भारतीय सुरक्षा बलों के साथ यह संयुक्त सुरक्षा अभ्यास एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हम उनके प्रयासों के लिए अपना आभार व्यक्त करते हैं।
’’ गिलोन ने कहा, ‘‘यह अभ्यास सुरक्षा के मद्देनजर हमारे देशों के सहयोग को मजबूत करता है और वैश्विक स्थिरता के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। हम एक सुरक्षित दुनिया के लिए निरंतर सहयोग को बढ़ावा देने के अपने दृढ़ संकल्प पर कायम हैं।’’ दूतावास ने कहा कि अभ्यास का प्राथमिक उद्देश्य भविष्य के खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए सुरक्षा बलों की तैयारी का आकलन और समन्वय करना था। (भाषा)
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