हमास आतंकियों के हमले के बाद अपने पलटवार से गाजा को खंडहर बना देने वाले इजरायल ने पहली बार युद्ध में दरियादिली दिखाई है। अब तक गाजा में इजरायली बमबारी में हजारों आम नागरिक मारे जा चुके हैं। जबकि कई हजार लोग घायल हुए हैं और जीवन भर के लिए बहुत से लोग अपंग हो गए हैं। एक दिन पहले गाजा के अस्पताल पर हुए अज्ञात हमले में 500 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का दिल मोम की तरह पिघलता दिख रहा है। युद्ध में पहली बार बड़ा दिल दिखाते हुए इजरायल ने गाजा में मिस्र को मानवीय सहायता पहुंचाने की अनुमति दे दी है।
इजराइल ने बुधवार को कहा कि वह मिस्र को गाजा पट्टी में मानवीय सहायता की सीमित खेप पहुंचाने की अनुमति देगा। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि इजराइल की यात्रा पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अनुरोध पर यह फैसला लिया गया है। उसने एक बयान में कहा कि वह खाद्य सामग्री, पानी और दवा की आपूर्ति को ‘‘नहीं रोकेगा’’, बशर्ते कि आपूर्ति हमास तक न पहुंचे। बयान में अत्यधिक आवश्यक ईंधन का कोई जिक्र नहीं किया गया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सहायता कब से पहुंचानी शुरू की जाएगी।
हमास को नहीं मिले सहायता
मिस्र की राफा सीमा से आवश्यक सहायता की गाजा तक आपूर्ति की क्षमता सीमित है और मिस्र ने कहा कि इजराइली हवाई हमलों में सीमा क्षेत्र में नुकसान पहुंचा है। गाजा में सीमा चौकियों पर नियंत्रण रखने वाले इजराइल ने कहा कि वह अपने क्षेत्र से आपूर्ति पहुंचाने की अनुमति नहीं देगा। उसने यह भी मांग की है कि इंटरनेशनल रेड क्रॉस को गाजा में बंधक बनाए गए अपहृत इजराइलियों से मिलने की अनुमति दी जाए। इसके साथ ही उसने यह भी कहा है कि हमास की किसी भी स्थिति में मदद नहीं होनी चाहिए। इजरायल ने सिर्फ मानवीयता के लिए मिस्र को गाजा में मानव सहायता पहुंचाने की अनुमति दी है। (एपी)
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