संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव ने कहा है कि योग संयुक्त राष्ट्र के लिए ‘ पूरी तरह उपयुक्त ’ है और आज की जटिल दुनिया में जहां तनाव और भ्रम व्याप्त हैं वहां मस्तिष्क एवं शारीरिक तंदरूस्ती तथा शांति कायम करने में प्राचीन भारत का शारीरिक तथा मानसिक अभ्यास महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के राजदूतों , राजनयिकों , धार्मिक नेताओं , नागरिक समाज के सदस्यों और बच्चों ने भाग लिया। संरा मुख्यालय के नॉर्थ लॉन में रंगबिरंगे मैट बिछे थे जिन पर प्रतिभागियों ने दो घंटे के योग सत्र में विभिन्न योग - आसन किए। इस बार की थीम थी ‘ शांति के लिए योग ’। (अमेरिकी धार्मिक नेताओं ने ट्रंप के होटल का शराब का लाइसेंस रद्द करने तकी मांग की, चरित्र पर उठाए सवाल )
संरा उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने चौथी बार आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर अपने संबोधन में कहा , ‘‘ आज की दुनिया बहुत अधिक जटिल है। हमारे सामने मूल मूल्यों के क्षरण की चुनौती है , जीवन के हर चरण में तनाव है , भ्रम है, खासकर के युवाओं में। योग संस्कृत के शब्द ‘योग’ से लिया गया है और यह संयुक्त राष्ट्र के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। ’’ योग दिवस आयोजित करने के लिए भारत की सराहना करते हुए अमीना ने संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए योग के महत्व को रेखांकित किया।
संरा में भारतीय के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि योग की बढ़ती लोकप्रियता तथा वैश्विक स्तर पर इसे अपनाया जाना इस बात का संकेत है कि योग विभिन्न समाजों , आयु वर्ग , जाति तथा पेशे के लोगों के लिए लाभदायक है। यह व्यक्तिगत , शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है तथा व्यक्तिगत , सामाजिक शांति और समरसता को बढ़ावा देता है। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वीडियो संदेश चलाया गया।
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