जिनेवा/नई दिल्ली: Oxford covid-19 Vaccine AstraZeneca: अभी तक दुनिया में सबसे ज्यादा विश्वसनीय मानी जा रही एस्ट्राज़ेनेका (AstraZeneca) और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford) की कोरोना वैक्सीन (covid-19 Vaccine) का ह्यूमन ट्रायल रोके जाने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बयान जारी किया है। WHO का कहना है कि किसी भी स्थिति में वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
Oxford की कोरोना वैक्सीन पर WHO ने क्या कहा?
WHO की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने समाचार एजेंसी रायटर्स से कहा कि कोरोनी वैक्सीन के लिए सबसे पहली और जरूरी प्राथमिकता सुरक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "हम जल्द वैक्सीन लाने की बात कह रहे हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वैक्सीन की सुरक्षा पर किसी तरह का समझौता किया जाए।" स्वामीनाथन ने कहा, "वैक्सीन बनाने के लिए सभी नियमों का पालन हो, लोगों को दवाई और वैक्सीन देने से पहले उसकी सुरक्षा की जांच करना जरूरी है।"
क्यों बंद हुआ Oxford की कोरोना वैक्सीन का ट्रायल?
बता दें कि ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक व्यक्ति के बीमार पड़ने के बाद वैक्सीन का ट्रायल बंद किया है। एस्ट्राज़ेनेका ने एक बयान जारी कर कहा है कि ट्रायल में शामिल एक व्यक्ति के बीमार पड़ने के बाद रोक दिया गया है। हालांकि कंपनी का कहना है कि यह एक रूटीन रुकावट है, क्योंकि टेस्टिंग में शामिल व्यक्ति की बीमारी के बारे में अभी तक कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
कब शुरू होगा Oxford की कोरोना वैक्सीन का ट्रायल?
वहीं, समाचार एजेंसी AFP की एक खबर के मुताबिक पूरी दुनिया में चल रहे ट्रायल को फिलहाल रोक दिया गया है और अब एक स्वतंत्र जांच के बाद ही इसे फिर से शुरू किया जा सकेगा। गौरतलब है कि एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित की जा रही वैक्सीन का नाम AZD1222 रखा गया था। एस्ट्राजेनेका और आक्सफोर्ड की AZD1222 कोरोना वैक्सीन से पूरी दुनिया को बहुत उम्मीदें हैं।
क्या है Oxford की कोरोना वैक्सीन का नाम?
AZD1222 कोरोना वैक्सीन के बारे में माना जा रहा था कि यह वैक्सीन दुनिया में बनाई जा रही दूसरी कोरोना वैक्सीन्स के मुकाबले रेस में सबसे आगे है। लेकिन, अब इसके ट्रायल के रोके जाने से बड़ा झटका लगा है। लेकिन, कंपनी ने इसे रूटीन रुकावट बताया है।
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