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व्लादिमीर पुतिन ने कहा- राष्ट्रपति के असीमित कार्यकाल का विरोध करता हूं

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि वह सोवियंत संघ में रही व्यवस्था की तरह देश के नेता को असीमित कार्यकाल तक पद पर बने रहने के विचार का विरोध करते हैं।

Russian President Vladimir Putin- India TV Hindi Image Source : AP/PTI Russian President Vladimir Putin

मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि वह सोवियंत संघ में रही व्यवस्था की तरह देश के नेता को असीमित कार्यकाल तक पद पर बने रहने के विचार का विरोध करते हैं। पुतिन ने यह टिप्पणी शनिवार को सेंट पीटर्सबर्ग में दूसरे विश्वयुद्ध के सैनिकों की बैठक में की। इस बैठक से कुछ दिन पहले ही पुतिन ने संविधान में संशोधन करने की वकालत थी। इस संशोधन से 2024 में उनके मौजूदा राष्ट्रपति पद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी सत्ता में बने रहने में मदद मिल सकती है। 

शनिवार को जब पूर्व सैनिकों ने बैठक में रूसी राष्ट्रपति के लिए असीमित कार्यकाल का प्रस्ताव किया तो पुतिन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘980 के दशक के मध्य वाली स्थिति में लौटना बहुत ही कष्टकारी होगा जब देश के नेता मौत होने तक सत्ता में रहते थे।’’ उल्लेखनीय है कि बुधवार को पुतिन के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद से रूस के राजनीतिक भविष्य पर संशय के बादल छा गए है। 

इस संबोधन में उन्होंने संविधान में बदलाव कर संसद को प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्यों को नामित करने का अधिकार देने की घोषणा की थी। अभी तक प्रधानमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा कई संवैधानिक सुधारों का ऐलान किये जाने के बाद रूस में सरकार ने एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में बुधवार को इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री दमित्रि मेदवेदेव का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।

प्रधानमंत्री दमित्रि मेदवेदेव ने टीवी पर प्रसारित टिप्पणी में कहा कि वह अपने नेता द्वारा सरकार में प्रस्तावित बदलाव की रोशनी में इस्तीफा दे रहे हैं। पुतिन ने मेदवेदेव को उनके कार्यों के लिये धन्यवाद दिया और उन्हें राष्ट्रपति सुरक्षा परिषद का उप प्रमुख नियुक्त किया। इससे पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पुतिन ने संविधान में संशोधन के संकेत दिये जिससे सांसदों को प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्यों को नामित करने का अधिकार होगा।

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