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पुतिन ने खुद को सत्ता में बनाए रखने के लिए संविधान संशोधन का समर्थन किया

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संविधान संशोधन के एक प्रस्ताव का मंगलवार को समर्थन किया, जो उन्हें उनके मौजूदा कार्यकाल के समाप्त होने के बाद फिर से निर्वाचन की इजाजत देगा। उनका कार्यकाल 2024 में समाप्त हो रहा है।

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मास्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संविधान संशोधन के एक प्रस्ताव का मंगलवार को समर्थन किया, जो उन्हें उनके मौजूदा कार्यकाल के समाप्त होने के बाद फिर से निर्वाचन की इजाजत देगा। उनका कार्यकाल 2024 में समाप्त हो रहा है। पुतिन (67) ने सांसद वेलेंतीन तेरेशकोवा के प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए दो कार्यकाल को समाप्त करने का प्रस्ताव किया है। तेरेशकोवा 1963 में अंतरिक्ष जाने वाली पहली महिला बनी थीं। 

व्लादिमीर पुतिन 20 साल से अधिक समय से सत्ता में हैं। सोवियत तानाशाह जोसफ स्टालिन के बाद वह रूस का सर्वाधिक लंबे समय तक नेतृत्व संभालने वाले नेता बन गये हैं। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है तो पुतिन 2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रह पाएंगे। पुतिन ने साल 2000 में पहली बार रूस के राष्ट्रपति का पद संभाला था, जिसके बाद से वह लगातार सत्ता में बने हुए हैं।

नूनविदों से बात करने के बाद पुतिन संसद की निचले सदन ड्यूमा में यह प्रस्ताव लेकर आए हैं। पुतिन ने कहा कि उनका मानना है कि उन्हें रूस की स्थिरता के लिए फिर से सत्ता में आना चाहिए। भले ही भविष्य के अध्यक्षों के लिए दो कार्यकाल की बाध्यता कायम रहे।

ड्यूमा में युनाइटेड रशिया पार्टी बहुमत में है, इसलिए माना जा रहा है कि पुतिन को राष्ट्रपति बनाए रखने वाला प्रस्ताव पास हो जाएगा। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है तो पुतिन को छह-छह साल के लिए दो और कार्यकाल पूरा करने का मौका मिल जाएगा। पुतिन का मौजूदा कार्यकाल 2024 में पूरा होने वाला है।

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