अपने राष्ट्रपति के समर्थन में सामने आई वेनेजुएला की सेना, अमेरिका के साथ गतिरोध बढ़ा
वेनेजुएला की शक्तिशाली सेना ने संकटग्रस्त देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को अपना समर्थन दे दिया है।
कराकस: वेनेजुएला की शक्तिशाली सेना ने संकटग्रस्त देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को अपना समर्थन दे दिया है। अमेरिका समर्थित विपक्ष के नेता जुआन गुइडो द्वारा मादुरो को सीधी चुनौती दिए जाने के बीच सेना का यह समर्थन काफी मायने रखता है। वहीं, इस पूरे घटनाक्रम से संकटग्रस्त देश का भविष्य अधर में लटक गया है। इस दौरान विरोध-प्रदर्शनों में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने मादुरो के प्रशासन को ‘अवैध’ करार दिया था। इसके एक दिन बाद मादुरो ने अमेरिका में वेनेजुएला के दूतावास और महावाणिज्यदूतावास को बंद करने की घोषणा की है।
तेल समृद्ध लेकिन आर्थिक रूप से खस्ताहाल देश में बुधवार को उस समय अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई थी जब नेशनल असेम्बली के प्रमुख 35 वर्षीय गुइडो ने स्वयं को ‘कार्यवाहक राष्ट्रपति’ घोषित कर दिया था। उन्हें अमेरिका और ब्राजील, अर्जेंटीना और कोलंबिया समेत कम से कम 12 क्षेत्रीय ताकतों ने समर्थन दिया। मादुरो के पिछले साल दोबारा राष्ट्रपति बनने को विपक्ष ने चुनौती दी है और इसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई थी लेकिन शक्तिशाली सेना समाजवादी नेता के प्रति वफादार बनी हुई है। सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ मौजूद देश के रक्षा मंत्री एवं जनरल व्लादिमीर पाद्रिनो ने घोषणा की कि 56 वर्षीय मादुरो ‘वैध राष्ट्रपति’ हैं और उन्होंने ‘तख्तापलट’ की कोशिश के खिलाफ मादुरो का साथ देने का संकल्प लिया।
इसके बाद 8 अन्य जनरलों ने मादुरो के प्रति अपनी ‘पूर्ण वफादारी’ दोहराई। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी मादुरो के ‘वैध अधिकार’ की पुन: पुष्टि की। अदालत के अध्यक्ष माइकल मोरेनो ने आरोप लगाया, ‘वेनेजुएला में विदेशी सरकारों की सहमति से तख्तापलट की कोशिश हो रही है।’ इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आर्गेनाइजेशन ऑफ अमेरिकन स्टेट्स में एक भाषण में कहा,‘बहस का समय खत्म हो गया है। पूर्व राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सत्ता अवैध है।’ दूसरी ओर, मादुरो ने अमेरिकी दूतों को 72 घंटे के अंदर देश से जाने को कहा है और सभी वेनेजुएलाई दूतों को अमेरिका से वापस बुलाया है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने गैर आपात स्टाफ को वेनेजुएला से आने का आदेश दिया है लेकिन उसने मादुरो के आदेश का पूर्ण पालन करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह ‘अंतरिम राष्ट्रपति गोइडो’ के साथ राजनयिक संबंध बनाए रखेगा। इस बीच, ट्रंप ने वेनेजुएला में सैन्य हस्तक्षेप पर सार्वजनिक तौर पर विचार किया और कहा कि ‘सभी विकल्पों पर चर्चा हो रही है।’ विश्लेषकों ने वेनेजुएला में आर्थिक प्रतिबंध कड़े करने का सुझाव दिया हैं। इस संबंध में रिपब्लिक पार्टी को डेमोक्रेटिक पार्टी का भी समर्थन मिला है। दक्षिण अमेरिका के अलावा कनाडा, ब्रिटेन और वेनेजुएला ने मादुरो की वैधता को नकार दिया है जबकि रूस और चीन मादुरो के साथ है। मादुरो को मेक्सिको, क्यूबा और बोलीविया का समर्थन भी प्राप्त है।