हैलिफैक्स, नोवा स्कोटिया: अमेरिका ने एक बार फिर चीन में बंदी बनाए गए उइगर मुस्लिमों का मुद्दा उठाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने चीन द्वारा बंदी शिविरों में दस लाख से भी ज्यादा मुस्लिमों को रखने को लेकर दुनिया की चुप्पी की आलोचना की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने यह भी सवाल किया कि अगर चीन हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर थियानमेन चौक जैसी कार्रवाई करेगा तो क्या अंतरराष्ट्रीय नेता उसके खिलाफ खड़े होंगे।
ओ’ब्रायन ने कहा, ‘दुनिया कहां है? बंदी शिविरों में दस लाख से अधिक लोग रह रहे है। मैं रवांडा में जनसंहार संग्रहालय में गया था। आपने सुना होगा कि यह ऐसा दोबारा कभी नहीं होगा और इसके बावजूद दस लाख से अधिक लोग बंदी शिविरों में रह रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि इस पर मुस्लिम देशों की चुप्पी भी काफी हैरान करने वाली है। ऐसा अनुमान है कि चीन ने जेल जैसे बंदी शिविरों में 10 लाख से अधिक अल्पसंख्यक मुस्लिम उइगरों को बंद कर रखा है।
आपको बता दें कि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीन में अल्पसंख्यकों से तमाम मूलभूत अधिकार तक छीन लिए गए हैं और उन्हें बंदी शिविरों में रखा गया है। बीते दिनों इस मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज लीक हुए थे। इनसे पता चला था कि उइगर मुस्लिमों को किस प्रकार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। इन दस्तावेजों के मुताबिक खुद चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग ने ही आदेश जारी करके कहा था कि चरमपंथ और अलगाववाद पर कोई रहम न किया जाए। (भाषा)
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