A
Hindi News विदेश अन्य देश इस्तांबुल पहुंचे अमेरिकी रक्षा मंत्री, विभिन्न मुद्दों पर की बात

इस्तांबुल पहुंचे अमेरिकी रक्षा मंत्री, विभिन्न मुद्दों पर की बात

अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने सीरिया और पिछले साल हुई तख्तापलट की विफल कोशिश समेत विभिन्न मुद्दों पर तुर्की के नेताओं के साथ इस्तांबुल में चर्चा की।

US Defense Minister arrived at Istanbul, talked about...- India TV Hindi US Defense Minister arrived at Istanbul, talked about various issues

इस्तान्बुल: अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने सीरिया और पिछले साल हुई तख्तापलट की विफल कोशिश समेत विभिन्न मुद्दों पर तुर्की के नेताओं के साथ इस्तांबुल में चर्चा की। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने कहा कि यूक्रेन से यहां पहुंचने के बाद टिलरसन ने अपने तुर्की समकक्ष मेवलट कावूसोगलू से कल मुलाकात की और बाद में राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के साथ वार्ता की। एर्दोआन के इस्तान्बुल स्थित आवास पर देर रात हुई वार्ताओं के बाद कोई बयान जारी नहीं किया गया। (अमेरिका जाने वाली उड़ानों में अब इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जा सकते हैं यात्री, हटा बैन)

ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एक्सन मोबिल के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुके टिलरसन ने इससे पहले वर्ल्ड पेट्रोलियम कांग्रेस के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया था। यहां उन्होंने एर्दोआन को हटाने के लिए पिछले साल की गई विफल कोशिश का भी जिक्र किया। टिलरसन ने कहा, लगभग एक साल पहले, तुर्की के लोग, बहादुर पुरूष और महिलाएं तख्तापलट के साजिशकर्ताओं के खिलाफ उठकर खड़े हुए और उन्होंने अपने लोकतंत्र की रक्षा की। मैं उनके साहस को रेखांकित करता हूं और पीड़ितों का सम्मान करता हूं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के अंतिम महीनों में अमेरिका और तुर्की के संबंधों में तनाव आ गया था लेकिन अंकारा को उम्मीद है कि ट्रंप के शासन में इन संबंधों में सुधार होगा।

यहां चिंताजनक बात यह है कि ट्रंप सीरियन कुर्दिश पीपल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (YPG) को समर्थन देने की ओबामा की नीतियों का समर्थन कर रहे हैं और उन्हें विस्तार भी दे रहे हैं। उसे वह इस्लामिक स्टेट के जिहादियों के खिलाफ सीरिया में जमीनी स्तर पर मौजूद प्रमुख बल के तौर पर बढ़ावा दे रहे हैं। जबकि अंकारा वाईपीजी को एक आतंकी समूह और कुर्दस्तिान वर्कर्स पार्टी (PKK) की सीरियाई शाखा मानता है। पीकेके वर्ष 1984 के बाद से तुर्की में उग्रवाद फैलाने के लिए जिम्मेदार है।

Latest World News