जिनीवा: सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के शांति दूत ने आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से, उनके सहयोगी दमिश्क को युद्ध प्रभावित देश में नए चुनाव कराने के लिए समझाने का ‘साहस’ करने का आह्वान किया है। जिनीवा में शांति वार्ता में मध्यस्थता कर रहे स्टाफन डी मिस्तूरा ने कहा कि राष्ट्रपति बशर अल असद के लिए सीरिया में छह साल से चल रहे गृह युद्ध में सैन्य विजय ही पर्याप्त नहीं है बल्कि ‘‘शांति’’ के लिए उन्हें चुनाव कराने की जरूरत है। डी मिस्तूरा ने स्विस आरटीएस टेलीविजन से कहा, ‘‘सीधे तौर पर राजनीतिक प्रक्रिया की जरूरत है जिसमें नए संविधान और नए चुनाव के लिए हर व्यक्ति शामिल हो।’’ (रिश्वत लेने के जुर्म में इक्वाडोर के उपराष्ट्रपति को 6 साल की जेल )
रूस ने सीरिया में जारी संघर्ष में साल 2015 में हस्तक्षेप किया और सरकारी बलों को हवाई तथा जमीनी सहयोग मुहैया कराया। यह सहयोग उन विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में दिया गया जिन्हें मास्को और दमिश्क ने ‘‘आतंकी’’ समूह कहा। अब पुतिन ने रूसी सैनिकों की वापसी का आदेश दे दिया है जिसके बाद मंगलवार से उनकी गृह वापसी शुरू हो गई। पुतिन का कहना है कि इन सैनिकों का अभियान पूरा हो चुका है। डी मिस्तूरा ने कहा कि पुतिन ( सीरिया ) सरकार को समझाएं कि अब हारने का समय नहीं है।
उन्होंने कहा ‘‘हम भूभागीय लड़ाई में हुई जीत के बारे में बात कर सकते हैं जो अस्थायी है लेकिन शांति की सबसे अधिक जरूरत है और इसके लिए उस साहस की आवश्यकता होगी जो सरकार को नए चुनाव ‘स्वीकार’ करने के लिए समझा सके। इन चुनावों की निगरानी संयुक्त राष्ट्र को करनी चाहिए।’’ संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में सीरिया सरकार और बागी गुटों के बीच इस माह वार्ता का आठवां दौर संपन्न हुआ। इस दौर में भी असद के भविष्य के मुद्दे पर कोई राय नहीं बन पाई। विद्रोही गठबंधन इस बात पर अड़ा है कि शांति समझौते के तहत राष्ट्रपति को पद छोड़ना ही होगा। असद के शासन के खिलाफ मार्च 2011 में संघर्ष शुरू होने के बाद से सीरिया में कम से कम 340,000 लोगों की जान जा चुकी है।
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