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सभी को शामिल करने वाले हो संयुक्त राष्ट्र के सुधार

संयुक्त राष्ट्र के सुधारों को और अधिक विस्तृत-व्यापक तथा सभी को शामिल करने वाला होने की आवश्यकता है और बदलाव केवल सचिवालय तक ही सीमित नहीं होने चाहिए।

सैयद अकबरुद्दीन- India TV Hindi सैयद अकबरुद्दीन

संयुक्त राष्ट्र: भारत का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र के सुधारों को और अधिक विस्तृत-व्यापक तथा सभी को शामिल करने वाला होने की आवश्यकता है और बदलाव केवल सचिवालय तक ही सीमित नहीं होने चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कल एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमे लगता है कि विस्तृत एवं व्यापक स्तर पर सुधारों की आवश्यकता है। आप केवल सचिवालय में ही सुधार नहीं कर सकते। संयुक्त राष्ट्र निकायों के प्रशासन संबंधी मुद्दों में सुधार कोई मामूली कदम नहीं है। (यदि शर्तों में नहीं बरती गई नरम तो पेरिस जलवायु समझौते से बाहर रहेगा अमेरिका)

उनका यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना पहला भाषण देने जा रहे हैं। वित्तिय निकाय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, हमारे लिए सुधार का मतलब व्यापक-विस्तृत एवं सभी को शामिल करने वाला है। हमें दूसरे देशों के हमारे दोस्तों एवं सहकर्मियों से इस पर सहयोग मिलने की उम्मीद है। अकबरुद्दीन ने बताया कि भारत, सुधारों का समर्थन करने वाले देशों के साथ संपर्क में है।

न्यूयॉर्क स्थित वि संस्था के मुख्यालय में ट्रंप 18 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। भारत उन 120 देशों में शामिल है जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के सुधार प्रयासों का समर्थन किया है और वह बैठक में भी हिस्सा लेगा।

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