संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पारसी नववर्ष ‘ नवरोज’ पर्व की बधाई देते हुए कहा कि नवरोज के संदेश और उसकी भावना का महत्व ऐसे समय में बहुत बढ़ गया है जब विश्व असंख्य संघर्षों, विदेशी लोगों को नापसंद करने की प्रवृत्ति और शरणार्थी संकट से जूझ रहा है। गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र में वार्षिक नवरोज उत्सव पर अपने संबोधन में कहा कि विश्वभर के लोग मानते हैं कि नवरोज की भावना से महत्त्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। (पुतिन को जीत की मुबारकबाद देने पर पार्टी ने की ट्रंप की जमकर आलोचना )
उन्होंने कहा, “ जब हम विश्वभर में चल रहे संघर्षों को देखते हैं। जब हम शरणार्थियों और प्रवासियों की दयनीय स्थिति को देखते हैं। जब हम विश्व के कई हिस्सों में नस्लवाद और विदेशी लोगों से नफरत करने की प्रवृत्ति को बढ़ता हुआ देखते हैं तो यह स्पष्ट हो जाता है कि हम सभी को नवरोज की भावना को समझने की जरूरत है।” गुटेरेस ने कहा, “ विश्व को नवरोज की भावना की जरूरत है ताकि वह शांति, न्याय और समझ को विकसित करने में सक्षम हो, परस्पर सम्मान की क्षमता और विश्व भर की आबादी को सबसे नेक मूल्यों के पास ला सकने की क्षमता प्राप्त कर सके।”
अंतरराष्ट्रीय नवरोज दिवस पर संयुक्त् राष्ट्र में प्रतिवर्ष विशेष समारोह का आयोजन किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय नवरोज दिवस को महासभा ने 2010 में प्रमाणित किया था और भारत इस समारोह को अफगानिस्तान, अजरबैजान, ईरान, इराक, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ मिलकर सह- प्रायोजित करता रहा है।
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