दुबई: पड़ोसी देशों द्वारा अलग-थलग कर दिए गए छोटे खाड़ी देश कतर ने कहा है कि मई माह में सरकारी समाचार वेबसाइट को हैक करने में संयुक्त अरब अमीरात की कथित भागीदारी दुर्भाग्यपूर्ण और खाड़ी देशों के बीच समझौतों का उल्लंघन है। वाशिंगटन पोस्ट ने कल अज्ञात अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के हवाले से रविवार को कहा था कि हैकिंग यूएई के इशारे पर हुई और एक झूठी कहानी फैलाई गई जिसके बहाने से कतर और चार अन्य अरब देशों के बीच संकट खड़ा किया गया। (फर्जी खबरों के जरिए भारत-चीन के बीच युद्ध की स्थिति पैदा कर रहा है पाकिस्तान)
रिपोर्ट ने बताया कि अमीरात सरकार के वरिष्ठ सदस्यों ने हैकिंग की योजना पर चर्चा की थी। इसके एक दिन बाद आधिकारिक कतर समाचार एजेंसी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के हवाले से कथित रूप से ईरान की सराहना की थी और कहा था कि कतर तथा इस्राइल के बीच अच्छे संबंध हैं।
यूएई ने रिपोर्ट को फर्जी बताते हुए हैकिंग में शामिल होने के आरोप से इनकार किया। यूएई ने जोर देकर कहा कि कथित हैकिंग में उसका कोई हाथ नहीं है। जून माह की शुरूआत में कतर पर कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए यूएई, सऊदी अरब, मिस्र तथा बहरीन ने उसके साथ राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे तथा वायु, भूमि और समुद्री संपर्क भी काट दिए थे।
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