वेलिंगटन: न्यूजीलैंड की एक प्रोफेसर का कहना है कि उनके द्वारा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का मजाक उड़ाने पर ट्विटर ने अस्थायी रूप से उनका खाता बंद कर दिया। कैंटरबरी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ऐन मैरी ब्रैडी चीन की विदेश नीति की विशेषज्ञ और कम्युनिस्ट पार्टी की प्रखर आलोचक हैं। गत सप्ताह उन्होंने पार्टी की सौंवी वर्षगांठ के महोत्सव का मजाक उड़ाते हुए ट्वीट किया था। उन्होंने कहा कि ट्विटर ने उनके 2 ट्वीट को 'अनुपलब्ध' कर दिया और सप्ताहांत में उनके खाते पर अस्थायी रोक लगा दी गई, इसके बाद सोमवार को खाता पुनः चालू कर दिया गया। Twitter की ओर से इस कार्रवाई पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
‘ट्विटर भूल गया कि वह जिनपिंग के लिए काम नहीं करता’
ब्रिटेन में ‘द टाइम्स’ अखबार में स्तंभकार एडवर्ड लुकास ने लिखा कि ऐसा कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंटों के ऑनलाइन शिकायत अभियान के चलते किया गया होगा। लुकास ने लिखा, 'मैंने जब ट्विटर पर आक्रोश व्यक्त किया और ढेर सारी शिकायतें दर्ज कराई तब उनका खाता पुनः चालू हुआ।' ब्रैडी ने ट्वीट कर लुकास को धन्यवाद दिया और कहा कि Twitter से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। ब्रैडी ने लिखा, 'चीनी पाबंदियों के खिलाफ बोलने वाले कम प्रभावशाली लोगों की बात सुनी जाने की संभावना कम होगी। ऐसा लगता है कि ट्विटर यह भूल गया कि वह शी जिनपिंग के लिए काम नहीं करता।'
ब्रैडी ने अपने ट्वीट में कैसे उड़ाया था जिनपिंग का मजाक CCP की सौवीं वर्षगांठ के मौके पर प्रोफेसर ब्रैडी ने एक ओपिनियन आर्टिकल रिट्वीट किया था। इस आर्टिकल को उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की एक न्यूज वेबसाइट सिडनी मॉर्निंग हेरल्ड के लिए लिखा था, जिसमें उन्होंने एक वैकल्पिक हेडलाइन देते हुए
जिनपिंग का मजाक उड़ाया था। उन्होंने एक जुलाई को ट्वीट किया था, 'Alternative headline: "Xi: Its my Party and I'll cry if I want to" #CPC100Years' और उन्होंने चीनी राष्ट्रपति की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था कि 'एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है।'
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