संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थाई प्रतिनिधि निकी हेली ने कहा कि उनका देश भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है और इसलिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया में शामिल होकर इसे सुलझाना चाहते हैं। ट्रंप प्रशासन में कैबिनेट रैंक रखने वालीं हेली ने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित मौजूदा अमेरिकी प्रशासन इसे कम करने की दिशा में अपनी भूमिका पर विचार कर रहा है। यह भी संभव है कि राष्ट्रपति स्वयं इसमें भागीदार बनें और इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।"
उल्लेखनीय है कि भारत, पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर किसी भी बाहरी पक्ष की भागीदारी का विरोध करता रहा है। ट्रंप ने 2016 में अपने चुनाव प्रचार के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसा तभी होगा जब दोनों देश यह चाहेंगे। ट्रंप ने 'द हिंदुस्तान टाइम्स' को दिए साक्षात्कार में भी कहा था, "यदि वे (भारत-पाकिस्तान) चाहें तो मैं मध्यस्थ की भूमिका निभाना चाहूंगा।"
हेली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अप्रैल माह की अध्यक्षता अमेरिका द्वारा संभाले जाने के अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब दे रही थीं। हेली का यह बयान भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर ट्रंप प्रशासन की ओर से पहली उच्च स्तरीय टिप्पणी है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी 2008 के राष्ट्रपति प्रचार अभियान के दौरान कहा था कि अमेरिका कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता कर सकता है। हालांकि भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी और ओबामा ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपनी इस बात को सक्रियता के साथ आगे नहीं बढ़ाया था। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका क्या कदम उठाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मई में वाशिंगटन में ट्रंप से मुलाकात होने वाली है। दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।
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